रविवार को ठाकुरगंज नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्म के महान संत आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के ब्रम्हलीन होने पर शोक सभा का आयोजन किया गया। ठाकुरगंज के विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। श्री विद्यासागर जी महाराज के देहावसान से शोकाकुल उनके अनुयायियों ने उनके प्रति संवेदना अभिव्यक्त की।
इस दौरान पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जैन धर्म के महान संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी के ब्रम्हलीन होने का दुखद समाचार संपूर्ण समाज और देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ – साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। त्याग, तप, ज्ञान और प्रेम के प्रतीक संत शिरोमणि श्री विद्यासागर जी का जीवन मानवता के कल्याण की दिशा में सदैव हम सबको प्रेरित करता रहेगा। वही राजेश जैन ने अपने वक्तव्य में विद्या सागर महाराज जी को सकल जैन समाज में चलते फिरते भगवान की संज्ञा दी गई है। उन्होंने भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में जैन धर्म की यश पताका फहराई। इस शोक सभा में मोहन जैन, रमेश जैन, संतोष जैन, राजेश जैन, प्रदीप जैन, सुरेश मोर, लक्ष्मण अग्रवाल, हंसराज नखत, जवरीमॉल शर्मा, शांति लाल जैन, राजेश जैन, मनोज जैन, अजित रारा आदि सहित जैन समुदाय के अन्य लोग मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
रविवार को ठाकुरगंज नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्म के महान संत आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के ब्रम्हलीन होने पर शोक सभा का आयोजन किया गया। ठाकुरगंज के विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। श्री विद्यासागर जी महाराज के देहावसान से शोकाकुल उनके अनुयायियों ने उनके प्रति संवेदना अभिव्यक्त की।
इस दौरान पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जैन धर्म के महान संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी के ब्रम्हलीन होने का दुखद समाचार संपूर्ण समाज और देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ – साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। त्याग, तप, ज्ञान और प्रेम के प्रतीक संत शिरोमणि श्री विद्यासागर जी का जीवन मानवता के कल्याण की दिशा में सदैव हम सबको प्रेरित करता रहेगा। वही राजेश जैन ने अपने वक्तव्य में विद्या सागर महाराज जी को सकल जैन समाज में चलते फिरते भगवान की संज्ञा दी गई है। उन्होंने भारत ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में जैन धर्म की यश पताका फहराई। इस शोक सभा में मोहन जैन, रमेश जैन, संतोष जैन, राजेश जैन, प्रदीप जैन, सुरेश मोर, लक्ष्मण अग्रवाल, हंसराज नखत, जवरीमॉल शर्मा, शांति लाल जैन, राजेश जैन, मनोज जैन, अजित रारा आदि सहित जैन समुदाय के अन्य लोग मौजूद थे।
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