बिहार में नियोजित शिक्षकों का आंदोलन आक्रामक होता जा रहा है। इसी क्रम में ठाकुरगंज में नियोजित शिक्षकों ने रविवार को सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड जला कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रखंड मुख्यालय के सामने दर्जनों शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करते हुए अपना एडमिट कार्ड जला दिया। इस दौरान नियोजित शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव के के पाठक के फैसले के विरोध में तथा मुख्यमंत्री मुर्दाबाद का जमकर नारेबाजी की गयी। शिक्षकों ने पूरे बिहार के शिक्षकों से आह्वान किया है कि वे भी इस परीक्षा का विरोध करे और आंदोलन को सफल बनायें।
नियोजित शिक्षकों ने एडमिट कार्ड जलाकर सक्षमता परीक्षा का विरोध प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए। नियोजित शिक्षकों ने कहा कि सक्षमता परीक्षा ऑफलाइन ली जाए। तीन जिलों का ऑप्शन देने की बाध्यता समाप्त की जाए। शिक्षकों को अपने ही जिले में काम करने का अवसर दिया जाए। ऐच्छिक ट्रांसफर की व्यवस्था की जाए। प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 की कंडिका 3 के खंड 3 में लिखित नियमन को आधार बनाते हुए तीन बार फेल होने वाले शिक्षक को उनके वर्तमान पद पर पदस्थापित रहने दिया जाए। बता दें कि नियोजित शिक्षक लगातार सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। यह परीक्षा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए आयोजित की जा रही है। बिहार के नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सक्षमता परीक्षा देने को तैयार नहीं है। इसे लेकर राज्यभर में आंदोलन किया जा रहा है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार में नियोजित शिक्षकों का आंदोलन आक्रामक होता जा रहा है। इसी क्रम में ठाकुरगंज में नियोजित शिक्षकों ने रविवार को सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड जला कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रखंड मुख्यालय के सामने दर्जनों शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करते हुए अपना एडमिट कार्ड जला दिया। इस दौरान नियोजित शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव के के पाठक के फैसले के विरोध में तथा मुख्यमंत्री मुर्दाबाद का जमकर नारेबाजी की गयी। शिक्षकों ने पूरे बिहार के शिक्षकों से आह्वान किया है कि वे भी इस परीक्षा का विरोध करे और आंदोलन को सफल बनायें।
नियोजित शिक्षकों ने एडमिट कार्ड जलाकर सक्षमता परीक्षा का विरोध प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए। नियोजित शिक्षकों ने कहा कि सक्षमता परीक्षा ऑफलाइन ली जाए। तीन जिलों का ऑप्शन देने की बाध्यता समाप्त की जाए। शिक्षकों को अपने ही जिले में काम करने का अवसर दिया जाए। ऐच्छिक ट्रांसफर की व्यवस्था की जाए। प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 की कंडिका 3 के खंड 3 में लिखित नियमन को आधार बनाते हुए तीन बार फेल होने वाले शिक्षक को उनके वर्तमान पद पर पदस्थापित रहने दिया जाए। बता दें कि नियोजित शिक्षक लगातार सक्षमता परीक्षा का विरोध कर रहे हैं। यह परीक्षा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए आयोजित की जा रही है। बिहार के नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सक्षमता परीक्षा देने को तैयार नहीं है। इसे लेकर राज्यभर में आंदोलन किया जा रहा है।
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