सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड के बरचौंदी गांव में मंगलवार को एक विशेष किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक बनाना था। इस कार्यक्रम का आयोजन शिवशक्ति एग्री टेक लिमिटेड, भागलपुर द्वारा किया गया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और उन्होंने खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर पर्यावरण के अनुकूल एवं आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने में रुचि दिखाई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एग्रीकल्चर ऑफिसर मुकेश राय ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए जैविक खेती की उपयोगिता, लाभ और दीर्घकालीन असर पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखा जा सकता है, बल्कि इससे उपज की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। उन्होंने रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग को मिट्टी और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया।
मुकेश राय ने बताया कि जैविक उत्पादों की बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए किसान जैविक खेती से बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को यह भी बताया कि जैविक खेती के उत्पाद अधिक समय तक सुरक्षित रहते हैं और इनमें पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे उपभोक्ताओं का रुझान इनकी ओर बढ़ रहा है।
संगोष्ठी में उन्होंने किसानों को सागवान, महोगनी जैसे इमारती वृक्षों के रोपण के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि इन वृक्षों का पौधारोपण पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है और वर्षों बाद यह किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का स्थायी स्रोत बन सकता है।
कार्यक्रम के अंतर्गत उपस्थित किसानों ने खेती से जुड़ी विभिन्न समस्याएं, जैसे – मिट्टी की उर्वरता में कमी, जल प्रबंधन, कीट नियंत्रण आदि विषयों पर सवाल पूछे, जिनका कृषि अधिकारी ने विस्तार से समाधान प्रस्तुत किया। उन्होंने मिट्टी परीक्षण, जल संरक्षण, जैविक खाद और प्राकृतिक कीटनाशक उपयोग की विधियों पर भी प्रकाश डाला।
इस संगोष्ठी के माध्यम से किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा मिली।