आज दिनांक 07.09.24 को श्री स्वर्ण जीत शर्मा, कमान्डेंट, 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, ठाकुरगंज के दिशा-निर्देशन एवं उनकी उपस्थिति में वाहिनी परिसर स्थित सर्व धर्म स्थल में भगवान श्री गणपति जी की प्रतिमा की स्थापना कर गणेश पूजा का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान माननीय कमांडेंट महोदय ने अपने परिवार और समस्त अधिकारीगणों के साथ मिलकर वाहिनी और समस्त कार्मिकों की अच्छी सेहत और मंगलकामना हेतु प्रार्थना की। कार्मिकों द्वारा भजन प्रस्तुत का आयोजन किए गए, जिससे सभी भक्तजन भाव विभोर हो उठे।
इस मौके पर कमांडेंट महोदय ने सभी भक्तजनों को बताया कि पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है, जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। भगवान श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य देव और विघ्नहर्ता माना गया है। उनकी पूजा से सभी विघ्नों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि आती है। गणेश चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा करने से साधक के सारे बिगड़े काम बनते हैं, सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है, और जीवन में तरक्की मिलती है।
अंत में पूजा-अर्चना समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस प्रकार वाहिनी में सुबह-शाम तीन दिनों तक पूजा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भजन संध्या के साथ पूजा की जाएगी।
इस अवसर पर श्री एम. ब्रोजेन सिंह, उप कमांडेंट, श्री राजीव शर्मा, उप कमांडेंट, श्री जगजीत बहादुर जेगवार, उप कमांडेंट, निरीक्षक शंकर मण्डल सहित समस्त बलकार्मिक एवं उनके परिवारजन पूजा में उपस्थित थे।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
आज दिनांक 07.09.24 को श्री स्वर्ण जीत शर्मा, कमान्डेंट, 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, ठाकुरगंज के दिशा-निर्देशन एवं उनकी उपस्थिति में वाहिनी परिसर स्थित सर्व धर्म स्थल में भगवान श्री गणपति जी की प्रतिमा की स्थापना कर गणेश पूजा का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान माननीय कमांडेंट महोदय ने अपने परिवार और समस्त अधिकारीगणों के साथ मिलकर वाहिनी और समस्त कार्मिकों की अच्छी सेहत और मंगलकामना हेतु प्रार्थना की। कार्मिकों द्वारा भजन प्रस्तुत का आयोजन किए गए, जिससे सभी भक्तजन भाव विभोर हो उठे।
इस मौके पर कमांडेंट महोदय ने सभी भक्तजनों को बताया कि पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है, जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। भगवान श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य देव और विघ्नहर्ता माना गया है। उनकी पूजा से सभी विघ्नों का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि आती है। गणेश चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा करने से साधक के सारे बिगड़े काम बनते हैं, सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है, और जीवन में तरक्की मिलती है।
अंत में पूजा-अर्चना समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस प्रकार वाहिनी में सुबह-शाम तीन दिनों तक पूजा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भजन संध्या के साथ पूजा की जाएगी।
इस अवसर पर श्री एम. ब्रोजेन सिंह, उप कमांडेंट, श्री राजीव शर्मा, उप कमांडेंट, श्री जगजीत बहादुर जेगवार, उप कमांडेंट, निरीक्षक शंकर मण्डल सहित समस्त बलकार्मिक एवं उनके परिवारजन पूजा में उपस्थित थे।
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