भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41वीं वाहिनी, भातगांव कंपनी के जवानों ने मानव तस्करी गिरोह के एक और काले धंधे का पर्दाफाश किया है। जवानों ने दो नाबालिग युवतियों और एक नाबालिग युवक को बचाकर मानवता की मिसाल पेश की।
आरोपित गिरफ़्तार
इस अभियान में जवानों ने एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद मुजाहिर (20 वर्ष) है, जो बिहार के किशनगंज जिले के कुर्लीकोट थाना क्षेत्र का निवासी बताया गया है।
नेपाल ले जाने की साज़िश
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नाबालिगों को नेपाल के भद्रपुर बस स्टैंड ले जाया जा रहा था। वहां से एक अज्ञात व्यक्ति उन्हें रिसीव करने वाला था। पीड़ितों के परिवारों को बुलाकर सुरक्षित सौंप दिया गया है। वहीं आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए गलगलिया थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। लगातार हो रहे मामले।
17 अगस्त को भी एसएसबी 41वीं वाहिनी, सी कंपनी, पानीटंकी के जवानों ने एक 16 वर्षीय नाबालिग युवती को बचाया था।
1 अगस्त को जवानों ने सात युवतियों को मानव तस्करी गिरोह से छुड़ाया था। इसमें एक नाबालिग भी शामिल थी। इस मामले में जापान गुरुंग (नेपाल निवासी) और दीपेश गुरुंग (नक्सलबाड़ी निवासी) गिरफ्तार किए गए थे। दोनों युवतियों को पासपोर्ट बनवाकर हांगकांग भेजने की साज़िश में शामिल थे।
22 जुलाई को भी इसी सीमा से एक 16 वर्षीय नाबालिग को बचाया गया था। इस मामले में एसएसबी ने एक नेपाली मां-बेटे को हिरासत में लिया था, जो लड़की को नेपाल से भारत लाकर अरुणाचल प्रदेश ले जाने की फिराक में थे।
गंभीर सवाल और प्रभाव
यह लगातार सामने आ रहे मामले साबित करते हैं कि भारत-नेपाल सीमा मानव तस्करी गिरोहों के लिए कितना संवेदनशील और खतरनाक इलाका बन चुका है। बार-बार नाबालिगों को निशाना बनाना न केवल परिवारों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि सीमा पार संगठित अपराधों के बड़े नेटवर्क का भी संकेत देता है।
एसएसबी की सतर्कता से कई निर्दोष नाबालिगों की ज़िंदगी अंधकार में जाने से बच गई। लेकिन बार-बार ऐसे मामले सामने आना सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी है कि मानव तस्करी जैसे घिनौने अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है।
प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, गलगलिया।
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी 41वीं वाहिनी, भातगांव कंपनी के जवानों ने मानव तस्करी गिरोह के एक और काले धंधे का पर्दाफाश किया है। जवानों ने दो नाबालिग युवतियों और एक नाबालिग युवक को बचाकर मानवता की मिसाल पेश की।
आरोपित गिरफ़्तार
इस अभियान में जवानों ने एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद मुजाहिर (20 वर्ष) है, जो बिहार के किशनगंज जिले के कुर्लीकोट थाना क्षेत्र का निवासी बताया गया है।
नेपाल ले जाने की साज़िश
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नाबालिगों को नेपाल के भद्रपुर बस स्टैंड ले जाया जा रहा था। वहां से एक अज्ञात व्यक्ति उन्हें रिसीव करने वाला था। पीड़ितों के परिवारों को बुलाकर सुरक्षित सौंप दिया गया है। वहीं आरोपी को आगे की कार्रवाई के लिए गलगलिया थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। लगातार हो रहे मामले।
17 अगस्त को भी एसएसबी 41वीं वाहिनी, सी कंपनी, पानीटंकी के जवानों ने एक 16 वर्षीय नाबालिग युवती को बचाया था।
1 अगस्त को जवानों ने सात युवतियों को मानव तस्करी गिरोह से छुड़ाया था। इसमें एक नाबालिग भी शामिल थी। इस मामले में जापान गुरुंग (नेपाल निवासी) और दीपेश गुरुंग (नक्सलबाड़ी निवासी) गिरफ्तार किए गए थे। दोनों युवतियों को पासपोर्ट बनवाकर हांगकांग भेजने की साज़िश में शामिल थे।
22 जुलाई को भी इसी सीमा से एक 16 वर्षीय नाबालिग को बचाया गया था। इस मामले में एसएसबी ने एक नेपाली मां-बेटे को हिरासत में लिया था, जो लड़की को नेपाल से भारत लाकर अरुणाचल प्रदेश ले जाने की फिराक में थे।
गंभीर सवाल और प्रभाव
यह लगातार सामने आ रहे मामले साबित करते हैं कि भारत-नेपाल सीमा मानव तस्करी गिरोहों के लिए कितना संवेदनशील और खतरनाक इलाका बन चुका है। बार-बार नाबालिगों को निशाना बनाना न केवल परिवारों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि सीमा पार संगठित अपराधों के बड़े नेटवर्क का भी संकेत देता है।
एसएसबी की सतर्कता से कई निर्दोष नाबालिगों की ज़िंदगी अंधकार में जाने से बच गई। लेकिन बार-बार ऐसे मामले सामने आना सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी है कि मानव तस्करी जैसे घिनौने अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है।
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