ठाकुरगंज: गुरुवार को राजद प्रदेश महासचिव सह पूर्व प्रमुख मुश्ताक आलम ने एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हो रहे सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताओं को उजागर किया। उन्होंने ठाकुरगंज कॉलेज मोड़ से बंगाल सीमा तक बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य में गंभीर खामियों की ओर इशारा करते हुए उच्च स्तरीय विभागीय जांच की मांग की।
मुश्ताक आलम ने बताया कि यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत बनाई जा रही है, जिसकी कुल लंबाई 16.5 किलोमीटर है और लागत 10 करोड़ 18 लाख 27 हजार 575 रुपये है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी आलम इंटरप्राइजेज एंड ब्रदर्स को सौंपी गई है, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिसके चलते एक सप्ताह के भीतर ही सड़क पर दरारें पड़ने लगी हैं।
उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को सूचित करने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने भी विरोध जताया है और किशनगंज सांसद डॉ. जावेद आज़ाद एवं स्थानीय विधायक सऊद आलम से शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। आलम ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में स्थानीय बालू और गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है और काम रात में किया जा रहा है, जो अनियमितताओं का स्पष्ट संकेत है।
मुश्ताक आलम ने यह भी कहा कि यदि विभाग ने जल्द ही इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री को भी लिखित शिकायत भेजी है। जब इस मामले पर आलम इंटरप्राइजेज एंड ब्रदर्स के मालिक से बात की गई, तो उन्होंने किसी रवीश नाम के व्यक्ति से संपर्क करने की सलाह देते हुए बात को टाल दिया।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़।
ठाकुरगंज: गुरुवार को राजद प्रदेश महासचिव सह पूर्व प्रमुख मुश्ताक आलम ने एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हो रहे सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताओं को उजागर किया। उन्होंने ठाकुरगंज कॉलेज मोड़ से बंगाल सीमा तक बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य में गंभीर खामियों की ओर इशारा करते हुए उच्च स्तरीय विभागीय जांच की मांग की।
मुश्ताक आलम ने बताया कि यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत बनाई जा रही है, जिसकी कुल लंबाई 16.5 किलोमीटर है और लागत 10 करोड़ 18 लाख 27 हजार 575 रुपये है। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी आलम इंटरप्राइजेज एंड ब्रदर्स को सौंपी गई है, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है, जिसके चलते एक सप्ताह के भीतर ही सड़क पर दरारें पड़ने लगी हैं।
उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को सूचित करने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने भी विरोध जताया है और किशनगंज सांसद डॉ. जावेद आज़ाद एवं स्थानीय विधायक सऊद आलम से शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। आलम ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में स्थानीय बालू और गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है और काम रात में किया जा रहा है, जो अनियमितताओं का स्पष्ट संकेत है।
मुश्ताक आलम ने यह भी कहा कि यदि विभाग ने जल्द ही इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री को भी लिखित शिकायत भेजी है। जब इस मामले पर आलम इंटरप्राइजेज एंड ब्रदर्स के मालिक से बात की गई, तो उन्होंने किसी रवीश नाम के व्यक्ति से संपर्क करने की सलाह देते हुए बात को टाल दिया।
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