किशनगंज:- नगर पंचायत ठाकुरगंज के वार्ड संख्या 10 में निर्माणाधीन दुकानों को लेकर इन दिनों व्यापक असंतोष और विरोध देखा जा रहा है। पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद कुमार चौधरी सहित कई स्थानीय नागरिकों और विक्रेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि यह निर्माण कार्य विभागीय नियमों की घोर अनदेखी करते हुए कराया जा रहा है।
श्री चौधरी का कहना है कि बिना किसी निविदा सूचना के नगर पंचायत की सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से दुकानों और खुले शेड का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें न केवल सरकारी राशि की अनियमितता और गबन की आशंका है, बल्कि दुकानों के आवंटन के नाम पर लाखों रुपये की अवैध वसूली भी की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक स्तर पर शिकायत के बावजूद नगर पंचायत के कुछ पदाधिकारियों द्वारा अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर निष्पक्ष जांच को रोका गया है। इस कथित अन्याय के खिलाफ स्थानीय विक्रेताओं ने ‘ठाकुरगंज हाट-बाजार संघर्ष समिति’ का गठन कर आंदोलन की घोषणा की है।
आरोप है कि निर्माण कार्य से पहले शिलान्यास बोर्ड नहीं लगाया गया, न ही योजना और स्वीकृत राशि की कोई जानकारी सार्वजनिक की गई। न निविदा प्रक्रिया अपनाई गई, न सूचना का प्रकाशन किया गया। इच्छुक दुकानदारों से आवेदन तक आमंत्रित नहीं किए गए।
कुछ पार्षदों और उनके प्रतिनिधियों पर दुकान आवंटन के नाम पर अवैध रूप से बड़ी राशि वसूलने के आरोप भी सामने आए हैं। निर्माण स्थल पर मापी, स्थानीय हितधारकों की सहमति, और भवन स्वामियों को सूचना देने जैसी प्रक्रियाएं भी पूरी तरह नजरअंदाज की गईं।
पूर्व में बस स्टैंड परिसर में दुकानों के आवंटन में भी व्यापक भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज हैं, जिनकी जांच आज तक लंबित है।
संघर्ष समिति ने मांग की है कि उक्त समस्त मामलों की जांच एक उच्चस्तरीय समिति से करवाई जाए, जिसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पूर्णिया प्रमंडल के वरीय प्रशासनिक अधिकारी शामिल हों।
श्री चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो ऊँची ब्याज दर पर ऋण लेकर व्यवसाय कर रहीं कई महिला विक्रेताओं को आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसे किसी भी अमानवीय परिणाम के लिए बिहार सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी।
उन्होंने मांग की है कि पारदर्शिता और न्याय के सिद्धांतों के तहत अविलंब जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, तथा हाट-बाजार में व्यवसाय कर रहे वास्तविक छोटे दुकानदारों को प्राथमिकता एवं सम्मानजनक स्थान उपलब्ध कराया जाए।
इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक से दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया, परंतु उनका मोबाइल नॉट रीचेबल बताया गया। समाचार लिखे जाने तक उनसे संपर्क नहीं हो सका है।
सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
किशनगंज:- नगर पंचायत ठाकुरगंज के वार्ड संख्या 10 में निर्माणाधीन दुकानों को लेकर इन दिनों व्यापक असंतोष और विरोध देखा जा रहा है। पूर्व मुख्य पार्षद प्रमोद कुमार चौधरी सहित कई स्थानीय नागरिकों और विक्रेताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि यह निर्माण कार्य विभागीय नियमों की घोर अनदेखी करते हुए कराया जा रहा है।
श्री चौधरी का कहना है कि बिना किसी निविदा सूचना के नगर पंचायत की सार्वजनिक भूमि पर अवैध रूप से दुकानों और खुले शेड का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें न केवल सरकारी राशि की अनियमितता और गबन की आशंका है, बल्कि दुकानों के आवंटन के नाम पर लाखों रुपये की अवैध वसूली भी की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक स्तर पर शिकायत के बावजूद नगर पंचायत के कुछ पदाधिकारियों द्वारा अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर निष्पक्ष जांच को रोका गया है। इस कथित अन्याय के खिलाफ स्थानीय विक्रेताओं ने ‘ठाकुरगंज हाट-बाजार संघर्ष समिति’ का गठन कर आंदोलन की घोषणा की है।
आरोप है कि निर्माण कार्य से पहले शिलान्यास बोर्ड नहीं लगाया गया, न ही योजना और स्वीकृत राशि की कोई जानकारी सार्वजनिक की गई। न निविदा प्रक्रिया अपनाई गई, न सूचना का प्रकाशन किया गया। इच्छुक दुकानदारों से आवेदन तक आमंत्रित नहीं किए गए।
कुछ पार्षदों और उनके प्रतिनिधियों पर दुकान आवंटन के नाम पर अवैध रूप से बड़ी राशि वसूलने के आरोप भी सामने आए हैं। निर्माण स्थल पर मापी, स्थानीय हितधारकों की सहमति, और भवन स्वामियों को सूचना देने जैसी प्रक्रियाएं भी पूरी तरह नजरअंदाज की गईं।
पूर्व में बस स्टैंड परिसर में दुकानों के आवंटन में भी व्यापक भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज हैं, जिनकी जांच आज तक लंबित है।
संघर्ष समिति ने मांग की है कि उक्त समस्त मामलों की जांच एक उच्चस्तरीय समिति से करवाई जाए, जिसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पूर्णिया प्रमंडल के वरीय प्रशासनिक अधिकारी शामिल हों।
श्री चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो ऊँची ब्याज दर पर ऋण लेकर व्यवसाय कर रहीं कई महिला विक्रेताओं को आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ सकता है। ऐसे किसी भी अमानवीय परिणाम के लिए बिहार सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी।
उन्होंने मांग की है कि पारदर्शिता और न्याय के सिद्धांतों के तहत अविलंब जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, तथा हाट-बाजार में व्यवसाय कर रहे वास्तविक छोटे दुकानदारों को प्राथमिकता एवं सम्मानजनक स्थान उपलब्ध कराया जाए।
इस संबंध में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक से दूरभाष पर संपर्क का प्रयास किया गया, परंतु उनका मोबाइल नॉट रीचेबल बताया गया। समाचार लिखे जाने तक उनसे संपर्क नहीं हो सका है।