रविवार को ठाकुरगंज नगर के नौ पंडालों एवं मंदिरों सहित प्रखंड क्षेत्र में आयोजित दस दिवसीय दुर्गापूजा महोत्सव के बाद विजयदशमी पर माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन कर मां की भक्तों ने नम आँखों से विदाई दी। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। शाम होते ही सबसे पहले वैदिक रीति- रिवाजों के साथ पंडालों एवं मंदिरों में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान भक्तों ने मां ! अगले वर्ष तुम जल्दी आना के नारे साथ पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। उसके बाद नदियों और तालाबो में प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। परम्परा अनुसार सबसे पहले लाहिड़ी परिवार द्वारा मनाई जाने वाली पूजा का विसर्जन संध्या होते ही पारम्परिक तरीके से भातडाला पौखर में किया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में परिजनों सहित ग्राम वासी मोजूद थे। विसर्जन के समय आस्था के साथ मां दुर्गा के चरणों में झुकी निगाहें। ढाक, ढोल, कांसर, घंटे की थाप पर धुनुची लिए थिरकतीं महिलाएं। यह दृश्य भाव विभोर करने वाला रहा। वही इसके बाद नगर की विभिन्न प्रतिमाओं का एक- एक कर विसर्जन शुरू हुआ। शाम होते ही नगर के सभी पूजा पंडालो में मूर्ति विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चला। मां दुर्गा के सान्निध्य में विगत दस दिनों से शक्ति से ओतप्रोत युवा प्रतिमा विसर्जन के समय उदास तो थे, लेकिन उनके उल्लास में कोई कमी नहीं थी क्योंकि उन्हें यह पूरा विश्वास था कि मां शेरावाली उनकी मदद को हमेशा तत्पर रहेंगी। प्रतिमाओं का जल प्रवाह करने से पहले हजारों नम आंखों ने मां दुर्गा को चरण स्पर्श कर विदाई दी। आस्था के साथ मां दुर्गा के चरणों में झुकी निगाहें। ढाक, ढोल, कांसर, घंटे की थाप पर धुनुची लिए थिरकतीं महिलाएं। एक-दूसरे गले लगाकर आर्शीवाद देती सुहागिनें। रविवार को यह नजारा नगर के हर पूजा पंडालो में देखने को मिला। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाए और बच्चे भी मोजूद थे। ढोल बाजो और नगाड़ों के साथ भक्ति संगीत में झूमते युवाओं की मस्त टोली एक एक कर निकल रही थी। मूर्तियों का विसर्जन महानंदा नदी के साथ सागढाला पोखर में भी हुआ। इस दौरान ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत सभी पुलिस बल पूरी मुस्तेदी के साथ डटे रहे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
रविवार को ठाकुरगंज नगर के नौ पंडालों एवं मंदिरों सहित प्रखंड क्षेत्र में आयोजित दस दिवसीय दुर्गापूजा महोत्सव के बाद विजयदशमी पर माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन कर मां की भक्तों ने नम आँखों से विदाई दी। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। शाम होते ही सबसे पहले वैदिक रीति- रिवाजों के साथ पंडालों एवं मंदिरों में स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान भक्तों ने मां ! अगले वर्ष तुम जल्दी आना के नारे साथ पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। उसके बाद नदियों और तालाबो में प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। परम्परा अनुसार सबसे पहले लाहिड़ी परिवार द्वारा मनाई जाने वाली पूजा का विसर्जन संध्या होते ही पारम्परिक तरीके से भातडाला पौखर में किया गया।
इस दौरान बड़ी संख्या में परिजनों सहित ग्राम वासी मोजूद थे। विसर्जन के समय आस्था के साथ मां दुर्गा के चरणों में झुकी निगाहें। ढाक, ढोल, कांसर, घंटे की थाप पर धुनुची लिए थिरकतीं महिलाएं। यह दृश्य भाव विभोर करने वाला रहा। वही इसके बाद नगर की विभिन्न प्रतिमाओं का एक- एक कर विसर्जन शुरू हुआ। शाम होते ही नगर के सभी पूजा पंडालो में मूर्ति विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चला। मां दुर्गा के सान्निध्य में विगत दस दिनों से शक्ति से ओतप्रोत युवा प्रतिमा विसर्जन के समय उदास तो थे, लेकिन उनके उल्लास में कोई कमी नहीं थी क्योंकि उन्हें यह पूरा विश्वास था कि मां शेरावाली उनकी मदद को हमेशा तत्पर रहेंगी। प्रतिमाओं का जल प्रवाह करने से पहले हजारों नम आंखों ने मां दुर्गा को चरण स्पर्श कर विदाई दी। आस्था के साथ मां दुर्गा के चरणों में झुकी निगाहें। ढाक, ढोल, कांसर, घंटे की थाप पर धुनुची लिए थिरकतीं महिलाएं। एक-दूसरे गले लगाकर आर्शीवाद देती सुहागिनें। रविवार को यह नजारा नगर के हर पूजा पंडालो में देखने को मिला। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाए और बच्चे भी मोजूद थे। ढोल बाजो और नगाड़ों के साथ भक्ति संगीत में झूमते युवाओं की मस्त टोली एक एक कर निकल रही थी। मूर्तियों का विसर्जन महानंदा नदी के साथ सागढाला पोखर में भी हुआ। इस दौरान ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत सभी पुलिस बल पूरी मुस्तेदी के साथ डटे रहे।
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