किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के चुरली पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 07 के तबलभिट्टा गांव में रहने वाले दो मासूम बच्चों के माता-पिता का निधन एक महीने में होने से मासूम उम्र में मां-बाप का साया सर उठ हो गया।पहले उनके पिता मोती लाल गणेश का 2 फरवरी को निधन हो गया, जो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिता के निधन के बाद,उनकी पत्नी कोनिका देवी भी 5 मार्च को दुनिया छोड़कर चल बसीं।इन घटनाओं के कारण, दोनों बच्चे अपने माता-पिता के बिना रह गए और अब उनकी देखभाल उनकी 90 वर्षीय बूढ़ी विधवा दादी हिरवती देवी कर रही हैं।
हालांकि डेढ़ साल बीत चुका है, लेकिन इन बच्चों को अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई है। उनके दादी खुद शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, और बच्चों की देखभाल करने में संघर्ष कर रही हैं। बच्चों की शिक्षा और दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उनके बड़े चाचा धर्म लाल गणेश व छोटे चाचा रंगी लाल गणेश आर्थिक मदद कर रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
इस स्थिति में,सरकार और संबंधित अधिकारियों को सक्रिय होकर बच्चों की देखभाल के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। सरकारी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचना चाहिए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके और वे अपने सपनों को पूरा कर सकें। गांव के लोगों ने सुझाव दिया है कि सरकार को इन बच्चों को गोद लेना चाहिए ताकि उनकी शिक्षा और जीवन यापन सुनिश्चित हो सके। वहां इस संबंध में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई, रविशंकर तिवारी ने बताया कि इन बच्चों को सरकार की योजना का लाभ जल्द ही दिलवाई जाएगी।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के चुरली पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 07 के तबलभिट्टा गांव में रहने वाले दो मासूम बच्चों के माता-पिता का निधन एक महीने में होने से मासूम उम्र में मां-बाप का साया सर उठ हो गया।पहले उनके पिता मोती लाल गणेश का 2 फरवरी को निधन हो गया, जो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पिता के निधन के बाद,उनकी पत्नी कोनिका देवी भी 5 मार्च को दुनिया छोड़कर चल बसीं।इन घटनाओं के कारण, दोनों बच्चे अपने माता-पिता के बिना रह गए और अब उनकी देखभाल उनकी 90 वर्षीय बूढ़ी विधवा दादी हिरवती देवी कर रही हैं।
हालांकि डेढ़ साल बीत चुका है, लेकिन इन बच्चों को अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई है। उनके दादी खुद शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, और बच्चों की देखभाल करने में संघर्ष कर रही हैं। बच्चों की शिक्षा और दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उनके बड़े चाचा धर्म लाल गणेश व छोटे चाचा रंगी लाल गणेश आर्थिक मदद कर रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
इस स्थिति में,सरकार और संबंधित अधिकारियों को सक्रिय होकर बच्चों की देखभाल के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। सरकारी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचना चाहिए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके और वे अपने सपनों को पूरा कर सकें। गांव के लोगों ने सुझाव दिया है कि सरकार को इन बच्चों को गोद लेना चाहिए ताकि उनकी शिक्षा और जीवन यापन सुनिश्चित हो सके। वहां इस संबंध में सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई, रविशंकर तिवारी ने बताया कि इन बच्चों को सरकार की योजना का लाभ जल्द ही दिलवाई जाएगी।
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