सारस न्यूज़, किशनगंज।
1769.67 लीटर पाठामारी व 909 लीटर सुखानी पुलिस की जब्त।
किशनगंज पुलिस अधीक्षक सागर कुमार के निर्देश में शराब और अन्य मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत मंगलवार को सुखानी और पाठामारी पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।
पाठामारी थाना को गुप्त सूचना मिली थी कि ठाकुरगंज की ओर से दो सब्जी लदे पिकअप वाहनों में विदेशी शराब की बड़ी खेप तस्करी की जा रही है। इस सूचना की सत्यता जांचने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पाठामारी थाना ने एन.एच-327E मुख्य सड़क पर सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान ठाकुरगंज की ओर से आ रहे दो पिकअप वाहनों (रजिस्ट्रेशन नंबर BR06GF3613 और BR06GF8412) को रोकने का प्रयास किया गया। पुलिस को देखकर वाहन चालकों ने भागने की कोशिश की, लेकिन अमलझाड़ी पेट्रोल पंप के पास उन्हें रोक लिया गया।
दोनों वाहनों की तलाशी लेने पर कुल 1769.67 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई। इस मामले में पाठामारी थाना में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
वहीं, सुखानी थाना पुलिस को भी गुप्त सूचना मिली थी कि ठाकुरगंज की ओर से एक सब्जी लदे पिकअप वाहन में विदेशी शराब की बड़ी खेप तस्करी की जा रही है। इस सूचना के सत्यापन और कार्रवाई के लिए सुखानी थाना ने एन.एच-327E सालगुड़ी मुख्य सड़क पर सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान ठाकुरगंज की ओर से आ रहे पिकअप वाहन (रजिस्ट्रेशन नंबर BR06GF1839) को रोका गया। वाहन की तलाशी लेने पर 909 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई। इस मामले में सुखानी थाना में भी संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
नया साल शुरू होने से पहले पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना हो रही है, लेकिन यह सवाल भी उठ रहा है कि पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे गलगलिया में स्थित उत्पाद विभाग के चेक पोस्ट, गलगलिया थाना, एन.एच-327E पर कुर्लीकोट और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र होने के बावजूद तस्करी के वाहन इन इलाकों से गुजरने में सफल कैसे हो जाते हैं? क्या चेक पोस्टों पर नियमित रूप से वाहनों की जांच नहीं होती?
यह सवाल उठ रहा है कि तीन थानों और एक चेक पोस्ट को पार कर शराब की इतनी बड़ी खेप कैसे गुजर गई? साथ ही यह भी सवाल है कि क्यों इन थानों की पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम ने वाहनों की प्रभावी जांच नहीं की। अगर सुखानी और पाठामारी पुलिस ने अवैध शराब से लदे वाहन को नहीं पकड़ा होता, तो यह शराब अपने गंतव्य तक पहुंच सकती थी। इस मामले में वरीय अधिकारियों को संज्ञान लेते हुए चेकिंग अभियानों को और अधिक सख्त और प्रभावी बनाना चाहिए।