सारस न्यूज, किशनगंज।
गत 22 फरवरी 2024 से नई रजिस्ट्रेशन नीति लागू की गई जिसके तहत पिता की संपत्ति कोई भी पुत्र तब तक नहीं बेच सकता जब तक वंशावली के आधार पर समस्त उत्तराधिकारियों के नाम पर मोटेशन (दाखिल खारिज) कायम न हो जाए, जैसा कि हम सबको मालूम है कि वंशावली प्रमाण पत्र बनाने और मोटेशन करने में अंचल कार्यालय में 6 महीने से साल भर से कम समय नहीं लगता। साल साल भर से मोटेशन पेंडिंग रहने की स्थिति में कम रजिस्ट्री होने से सरकार को राजस्व का नुकसान तो होगा ही, साथ ही साथ जनता को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में सरकार की इस नई रजिस्ट्रेशन नीति का सुरजापुरी विकास मोर्चा विरोध करती हैं। सरकार अभिलंब इस आदेश को वापस ले अन्यथा जनता जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी और इसकी शुरुआत ठाकुरगंज से होगी और, सूरजपुर विकास मोर्चा इसका नेतृत्व करेगा। उक्त बातें सुरजापुरी विकास मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताराचंद धानुका एवं पुर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
पुर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमारे किशनगंज जिले में अभी शादी – विवाह का लगन का चल रहा है। ऐसे में अगर गरीब व्यक्ति अपनी जमीन नहीं बेचता है तो वह अपनी बहन- बेटियों की शादी नहीं कर सकता। बच्चों की शादी नहीं कर सकता और अगर यह नियम लागू रहा तो मुझे लगता है पूरे किशनगंज जिला में हजारों शादियां जो पूर्व से निर्धारित है वह नहीं हो पाएगी। जो बीमार व्यक्ति है जिसको इलाज करना है। जमीन बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। वैसे लोग अपना इलाज नहीं करवा पाएंगे। यह सरकार का गलत निर्णय है। हम इसका विरोध करते हैं।
क्या है बिहार की नई निबंधन नीति:-
बताते चलें कि राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी कायम होगी, अब उनको ही उस संपत्ति की पुन: रजिस्ट्री कराने का अधिकार मिलेगा। निबंधन कार्यालयों को जमाबंदी कायम होने का साक्ष्य देने पर ही आवेदक को संबंधित संपत्ति को बेचने की अनुमति मिलेगी। जमीन विवाद के बढ़ते मामलों से निबटने के लिए हाइकोर्ट के आदेश पर निबंधन विभाग ने गुरुवार से ही यह निर्णय लागू कर दिया है। विभाग के उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने डीएम से लेकर सभी अवर निबंधकों को पत्र लिख कर इस फैसले से अवगत कराया है।
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार यदि कोई दस्तावेज ऐसी संपत्ति की बिक्री या दान से संबंधित हो, जिसके विक्रेता या दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने का उल्लेख दस्तावेज में नहीं हो तथा विक्रेता-दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने संबंधी कोई साक्ष्य नहीं दिया गया हो, उनके रजिस्ट्री दस्तावेज अस्वीकृत हो जायेंगे।