फाइलेरिया गंभीर बीमारी है। समाज के उत्थान और उन्नति के लिए फाइलेरिया मुक्त होना बहुत जरूरी है। फाइलेरिया मुक्त समाज से ही हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। भविष्य के समृद्ध युवा पौध को तैयार करने के लिए मौजूदा बच्चों की पीढ़ी को फाइलेरिया के संक्रमण से बचाना होगा। यह समाज के शारीरिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी बेहद जरूरी है। मालूम हो कि देश में अपंगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है। यह जितनी जटिल बीमारी है, उतना ही सरल इसका निदान भी। एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं का लगातार पांच साल इस्तेमाल और बीमारी से मुक्ति। इसके लिए हमें तत्पर रहना होगा। अपनी सहभागिता निभानी होगी। 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझाना है।
स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है। इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए। इसके लिए ठाकुरगंज प्रखंड में सहयोगी संस्था पीसीआई के द्वारा लगातार ग्रामीणों को दवा सेवन के लिए जागरूक किया जा रहा है।
जिले के ठाकुरगंज में 10 अगस्त से चलाया जाएगा एमडीए अभियान।
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि लोगों को फाइलेरिया बीमारी होने से सुरक्षित रखने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को घर-घर पहुँचकर फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए डीईसी, एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी क्षेत्र में दो आशा कर्मियों की टीम बनाई जाएगी जिसके द्वारा 14 दिन तक लोगों के घर-घर पहुँचकर 02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा डीईसी और एल्बेंडाजोल एवं 05 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी, एल्बेंडाजोल के साथ साथ आइवरमेक्टिन की गोली खिलाई जाएगी। उसके बाद अगले 03 दिन संबंधित क्षेत्र के सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों मदरसों और सार्वजनिक क्षेत्रों में बूथ आयोजित कर छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद भी दवा सेवन से वंचित लोगों के लिए 5-7 दिन का मॉपअप राउंड चलाया जाएगा ताकि सभी छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जा सके। 02 वर्ष से कम उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और अतिगंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा नहीं खिलाई जाएगी। सभी लोगों तक दवा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंडों में ब्लॉक लेवल टास्क फोर्स टीम बनाया जायेगा जिसके द्वारा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती है।
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि ब्लॉक लेवल टेस्ट फोर्स टीम द्वारा नियमित अंतराल पर बैठक आयोजित कर कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की जा रही है । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के शत प्रतिशत सफलता के लिए सभी प्रखंड में माइक्रोप्लान तैयार कर उसी अनुसार लोगों को दवा उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन करते हुए रैपिड रेस्पोंस टीम के सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती है और लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।हाथ या पैर में फाइलेरिया ग्रसित होने पर इसका कोई इलाज नहीं किया जा सकता है जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित होने पर उसका इलाज ऑपरेशन द्वारा किया जा सकता है। हाथ या पैर से फाइलेरिया ग्रसित होने पर संबंधित व्यक्ति को जीवनभर इससे ग्रसित रहना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे नियंत्रित रखने के लिए चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है लेकिन इसका सम्पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए इससे सुरक्षित रहने के लिए सभी सामान्य लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार खिलाये जाने वाले फाइलेरिया सुरक्षा की दवा डीईसी, एल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करना चाहिए और खुद को फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रखना चाहिए।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा।
लगातार पांच साल खाने से कभी नहीं होती फाइलेरिया।
ग्रामीण क्षेत्रो में जागरूकता अभियान जारी है।
फाइलेरिया गंभीर बीमारी है। समाज के उत्थान और उन्नति के लिए फाइलेरिया मुक्त होना बहुत जरूरी है। फाइलेरिया मुक्त समाज से ही हमारा भविष्य सुरक्षित होगा। भविष्य के समृद्ध युवा पौध को तैयार करने के लिए मौजूदा बच्चों की पीढ़ी को फाइलेरिया के संक्रमण से बचाना होगा। यह समाज के शारीरिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी बेहद जरूरी है। मालूम हो कि देश में अपंगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है। यह जितनी जटिल बीमारी है, उतना ही सरल इसका निदान भी। एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं का लगातार पांच साल इस्तेमाल और बीमारी से मुक्ति। इसके लिए हमें तत्पर रहना होगा। अपनी सहभागिता निभानी होगी। 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझाना है।
स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है दवा
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है। इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए। इसके लिए ठाकुरगंज प्रखंड में सहयोगी संस्था पीसीआई के द्वारा लगातार ग्रामीणों को दवा सेवन के लिए जागरूक किया जा रहा है।
जिले के ठाकुरगंज में 10 अगस्त से चलाया जाएगा एमडीए अभियान।
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि लोगों को फाइलेरिया बीमारी होने से सुरक्षित रखने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को घर-घर पहुँचकर फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए डीईसी, एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी क्षेत्र में दो आशा कर्मियों की टीम बनाई जाएगी जिसके द्वारा 14 दिन तक लोगों के घर-घर पहुँचकर 02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा डीईसी और एल्बेंडाजोल एवं 05 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी, एल्बेंडाजोल के साथ साथ आइवरमेक्टिन की गोली खिलाई जाएगी। उसके बाद अगले 03 दिन संबंधित क्षेत्र के सभी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों मदरसों और सार्वजनिक क्षेत्रों में बूथ आयोजित कर छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद भी दवा सेवन से वंचित लोगों के लिए 5-7 दिन का मॉपअप राउंड चलाया जाएगा ताकि सभी छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जा सके। 02 वर्ष से कम उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और अतिगंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा नहीं खिलाई जाएगी। सभी लोगों तक दवा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंडों में ब्लॉक लेवल टास्क फोर्स टीम बनाया जायेगा जिसके द्वारा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती है।
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि ब्लॉक लेवल टेस्ट फोर्स टीम द्वारा नियमित अंतराल पर बैठक आयोजित कर कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की जा रही है । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के शत प्रतिशत सफलता के लिए सभी प्रखंड में माइक्रोप्लान तैयार कर उसी अनुसार लोगों को दवा उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन करते हुए रैपिड रेस्पोंस टीम के सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती है और लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।हाथ या पैर में फाइलेरिया ग्रसित होने पर इसका कोई इलाज नहीं किया जा सकता है जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित होने पर उसका इलाज ऑपरेशन द्वारा किया जा सकता है। हाथ या पैर से फाइलेरिया ग्रसित होने पर संबंधित व्यक्ति को जीवनभर इससे ग्रसित रहना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे नियंत्रित रखने के लिए चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है लेकिन इसका सम्पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए इससे सुरक्षित रहने के लिए सभी सामान्य लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार खिलाये जाने वाले फाइलेरिया सुरक्षा की दवा डीईसी, एल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करना चाहिए और खुद को फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रखना चाहिए।