किशनगंज जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी को गुप्त सूचना मिली कि ठाकुरगंज प्रखंड के अंतर्गत बंदरझूला पंचायत में एक बाल विवाह का मामला सामने आया है। इस सूचना को चाइल्ड हेल्पलाइन, किशनगंज की टीम के साथ साझा किया गया, जिसके बाद एक टीम का गठन किया गया। पुलिस प्रशासन के सहयोग से टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
मौके पर पहुंचने पर बच्ची के पिता ने बताया कि शादी नहीं हो रही थी, बल्कि वे सिर्फ छेका (मंगनी) करवा रहे थे। इस मामले की जानकारी स्थानीय मुखिया एकरामुल, जनप्रतिनिधि, और ठाकुरगंज प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली को भी दी गई थी। बाल विवाह रोकथाम टीम में चाइल्ड हेल्पलाइन किशनगंज के परियोजना समन्वयक मनोज कुमार सिंह, सुपरवाइजर अब्दुल कयूम, और पुलिस प्रशासन के सदस्य शामिल थे।
टीम ने बच्ची के परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाया कि जब तक बच्ची 18 वर्ष की नहीं हो जाती, न तो छेका होगा और न ही शादी। टीम ने उन्हें बाल विवाह के कानूनी अपराध होने और इसके गंभीर दुष्परिणामों के बारे में भी बताया। परिजनों को यह सलाह दी गई कि बच्ची की शिक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
बच्ची के पिता ने टीम की बातों को स्वीकार किया और सभी के समक्ष एक शपथ पत्र भरा, जिसमें उन्होंने यह शपथ ली कि जब तक उनकी बच्ची 18 वर्ष की नहीं हो जाती, वे उसकी शादी नहीं करेंगे।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी को गुप्त सूचना मिली कि ठाकुरगंज प्रखंड के अंतर्गत बंदरझूला पंचायत में एक बाल विवाह का मामला सामने आया है। इस सूचना को चाइल्ड हेल्पलाइन, किशनगंज की टीम के साथ साझा किया गया, जिसके बाद एक टीम का गठन किया गया। पुलिस प्रशासन के सहयोग से टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
मौके पर पहुंचने पर बच्ची के पिता ने बताया कि शादी नहीं हो रही थी, बल्कि वे सिर्फ छेका (मंगनी) करवा रहे थे। इस मामले की जानकारी स्थानीय मुखिया एकरामुल, जनप्रतिनिधि, और ठाकुरगंज प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी अहमर अब्दाली को भी दी गई थी। बाल विवाह रोकथाम टीम में चाइल्ड हेल्पलाइन किशनगंज के परियोजना समन्वयक मनोज कुमार सिंह, सुपरवाइजर अब्दुल कयूम, और पुलिस प्रशासन के सदस्य शामिल थे।
टीम ने बच्ची के परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाया कि जब तक बच्ची 18 वर्ष की नहीं हो जाती, न तो छेका होगा और न ही शादी। टीम ने उन्हें बाल विवाह के कानूनी अपराध होने और इसके गंभीर दुष्परिणामों के बारे में भी बताया। परिजनों को यह सलाह दी गई कि बच्ची की शिक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
बच्ची के पिता ने टीम की बातों को स्वीकार किया और सभी के समक्ष एक शपथ पत्र भरा, जिसमें उन्होंने यह शपथ ली कि जब तक उनकी बच्ची 18 वर्ष की नहीं हो जाती, वे उसकी शादी नहीं करेंगे।
Leave a Reply