ठाकुरगंज एनएच पर कोयला और अन्य खनिज पदार्थों की अवैध तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। एंट्री माफियाओं की सक्रियता के कारण बिहार सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है,और प्रशासन की निष्क्रियता से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।अवैध गतिविधियाँ बेखौफ जारी हैं,जिससे न केवल सरकारी खजाने को भारी क्षति हो रही है,बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न हों सकतीं हैं।
समस्या के समाधान के लिए संभावित क़दम
कड़ी निगरानी और नियमित छापेमारी: डीएम विशाल राज की तरह अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी नियमित रूप से औचक निरीक्षण करने चाहिए। परिवहन विभाग की जवाबदेही तय की जाए, और यदि किसी अधिकारी की संलिप्तता सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
सीमा चौकियों को मजबूत किया जाए: बिहार-बंगाल सीमा पर कड़े सुरक्षा उपाय अपनाए जाएँ और आधुनिक तकनीकों, जैसे कि CCTV और ड्रोन सर्विलांस, का अधिकतम उपयोग किया जाए।
जनता की भागीदारी: स्थानीय लोगों और मीडिया को जागरूक किया जाए, ताकि वे अवैध गतिविधियों की सूचना प्रशासन तक पहुँचाने में मदद कर सकें। इसके लिए एक हेल्पलाइन या गोपनीय सूचना तंत्र भी विकसित किया जा सकता है।
कानूनी कार्रवाई तेज की जाए: जब्त किए गए वाहनों और माफियाओं पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की तस्करी को रोका जा सके। दोषियों के खिलाफ त्वरित मुकदमा चलाकर कड़ी सजा दी जाए।
यदि समय रहते इन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कसा गया, तो यह न केवल बिहार की अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है। इसलिए, प्रशासन को त्वरित और कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
ठाकुरगंज एनएच पर कोयला और अन्य खनिज पदार्थों की अवैध तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। एंट्री माफियाओं की सक्रियता के कारण बिहार सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है,और प्रशासन की निष्क्रियता से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।अवैध गतिविधियाँ बेखौफ जारी हैं,जिससे न केवल सरकारी खजाने को भारी क्षति हो रही है,बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न हों सकतीं हैं।
समस्या के समाधान के लिए संभावित क़दम
कड़ी निगरानी और नियमित छापेमारी: डीएम विशाल राज की तरह अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी नियमित रूप से औचक निरीक्षण करने चाहिए। परिवहन विभाग की जवाबदेही तय की जाए, और यदि किसी अधिकारी की संलिप्तता सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
सीमा चौकियों को मजबूत किया जाए: बिहार-बंगाल सीमा पर कड़े सुरक्षा उपाय अपनाए जाएँ और आधुनिक तकनीकों, जैसे कि CCTV और ड्रोन सर्विलांस, का अधिकतम उपयोग किया जाए।
जनता की भागीदारी: स्थानीय लोगों और मीडिया को जागरूक किया जाए, ताकि वे अवैध गतिविधियों की सूचना प्रशासन तक पहुँचाने में मदद कर सकें। इसके लिए एक हेल्पलाइन या गोपनीय सूचना तंत्र भी विकसित किया जा सकता है।
कानूनी कार्रवाई तेज की जाए: जब्त किए गए वाहनों और माफियाओं पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की तस्करी को रोका जा सके। दोषियों के खिलाफ त्वरित मुकदमा चलाकर कड़ी सजा दी जाए।
यदि समय रहते इन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कसा गया, तो यह न केवल बिहार की अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है। इसलिए, प्रशासन को त्वरित और कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
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