मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत सुरक्षित शनिवार से संबंधित कार्यक्रम के तहत शीतलहर से खतरे एवं इससे बचाव के उपाय के बारे में दी गई जानकारी।
ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चों को शीतलहर से खतरे एवं इससे बचाव के लिए फोकल शिक्षकों द्वारा जानकारी दिए गए। मौके पर फोकल शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि शीतलहरी उस अवस्था को कहते हैं, जब सर्दी के दिनों में तापमान सामान्य न्यूनतम तापमान से 5-6 डीग्री से निचे चला जाता है। यह अवस्था 2-3 दिनों तक लगातार बनी रहे, दूसरा यदि यही तापमान 7 डीग्री से निचे चला जाता है तो उसे शीतलहर की गंभीर अवस्था मानते हैं। यह पैमाना उस स्थानों का है जहां का सामान्य न्यूनतम तापमान 10 डीग्री या उससे उपर रहता है। शीतलहर के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती है एवं कई दफे यह जानलेवा भी साबित होता है। शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। अधिक ठंड होने से श्वसन तंत्रों में संक्रमण बच्चों में दम्मा या खांसी की बीमारी, निमोनिया, डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अधिक ठंड लगने से हाइपोथेमिया नामक बीमारी हो सकती है। बुजुर्गों को ठंड लगने से लकवा मारने की घटनाएं भी बढ़ जाती है। अधिक ठंड होने से मांसपेशियों में कंपन पैदा होता है। जिससे कंपकंपी आने लगती है दांत किटकिटाने लगते है। शीतलहर का प्रभाव हृदय, रक्त वाहिनियों पर पड़ता है। इसलिए दमा खांसी के रोगी दिल के दौरे के मरीज, नन्हें बच्चों को सर्दी के मौसम में विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। अधिक धुंध या कोहरे के कारण बहुत नजदीक की भी चीज नहीं दिखाई पड़ती है। ऐसी स्थिति में सड़क पर चलने या सड़क पार करते हुए विद्यालय आने या घर जाते समय बच्चों के लिए सड़क दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सड़क पर चलते समय सावधानी बरतें। रोड के बहुत किनारे से भी नहीं चलें। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें। घने कोहरे की वजह से सड़क हवाई एवं रेल यातायात भी प्रभावित होता है। ठंड के मौसम में जब धूप निकले तो धूप जरूर लें। धूप शरीर को विटामिन डी की कमी को दूर करता है। इस मौसम में फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं। वहीं प्रखंड संसाधन केंद्र ठाकुरगंज से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ठाकुरगंज प्रखंड के कुल 266 विद्यालयों में से 51.88 फीसदी यानी 138 विद्यालयों में सुरक्षित शनिवार अन्तर्गत निर्धारित गतिविधि का आयोजन करते हुए उसे ई- शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया।
सारस न्युज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत सुरक्षित शनिवार के तहत बच्चों को शीतलहर से खतरे एवं इससे बचाव के लिए फोकल शिक्षकों द्वारा जानकारी दिए गए। मौके पर फोकल शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि शीतलहरी उस अवस्था को कहते हैं, जब सर्दी के दिनों में तापमान सामान्य न्यूनतम तापमान से 5-6 डीग्री से निचे चला जाता है। यह अवस्था 2-3 दिनों तक लगातार बनी रहे, दूसरा यदि यही तापमान 7 डीग्री से निचे चला जाता है तो उसे शीतलहर की गंभीर अवस्था मानते हैं। यह पैमाना उस स्थानों का है जहां का सामान्य न्यूनतम तापमान 10 डीग्री या उससे उपर रहता है। शीतलहर के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती है एवं कई दफे यह जानलेवा भी साबित होता है। शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। अधिक ठंड होने से श्वसन तंत्रों में संक्रमण बच्चों में दम्मा या खांसी की बीमारी, निमोनिया, डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अधिक ठंड लगने से हाइपोथेमिया नामक बीमारी हो सकती है। बुजुर्गों को ठंड लगने से लकवा मारने की घटनाएं भी बढ़ जाती है। अधिक ठंड होने से मांसपेशियों में कंपन पैदा होता है। जिससे कंपकंपी आने लगती है दांत किटकिटाने लगते है। शीतलहर का प्रभाव हृदय, रक्त वाहिनियों पर पड़ता है। इसलिए दमा खांसी के रोगी दिल के दौरे के मरीज, नन्हें बच्चों को सर्दी के मौसम में विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। अधिक धुंध या कोहरे के कारण बहुत नजदीक की भी चीज नहीं दिखाई पड़ती है। ऐसी स्थिति में सड़क पर चलने या सड़क पार करते हुए विद्यालय आने या घर जाते समय बच्चों के लिए सड़क दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सड़क पर चलते समय सावधानी बरतें। रोड के बहुत किनारे से भी नहीं चलें। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें। घने कोहरे की वजह से सड़क हवाई एवं रेल यातायात भी प्रभावित होता है। ठंड के मौसम में जब धूप निकले तो धूप जरूर लें। धूप शरीर को विटामिन डी की कमी को दूर करता है। इस मौसम में फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं। वहीं प्रखंड संसाधन केंद्र ठाकुरगंज से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ठाकुरगंज प्रखंड के कुल 266 विद्यालयों में से 51.88 फीसदी यानी 138 विद्यालयों में सुरक्षित शनिवार अन्तर्गत निर्धारित गतिविधि का आयोजन करते हुए उसे ई- शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया।
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