देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को साकार करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। जिलाधिकारी विशाल राज ने टीबी के इलाज और बचाव के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “टीबी एक गंभीर लेकिन पूरी तरह से इलाज योग्य रोग है। समय पर जांच और दवाओं का नियमित सेवन मरीज को पूरी तरह ठीक कर सकता है। सभी नागरिक टीबी से बचाव और इसके इलाज के प्रति सजग रहें।”
टीबी से बचाव और इलाज के लिए जनजागरूकता अभियान
टीबी के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए 6 से 9 महीने तक दवा का नियमित सेवन अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और दवाएं मुफ्त उपलब्ध हैं। अधूरा इलाज टीबी को और खतरनाक बना सकता है।”
टीबी के इलाज में उच्च प्रोटीनयुक्त आहार का महत्व
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि टीबी के मरीजों को दवाओं के साथ संतुलित आहार की भी आवश्यकता होती है। उच्च प्रोटीनयुक्त आहार मरीज की तेजी से रिकवरी में मदद करता है। इसके तहत निक्षय पोषण योजना के माध्यम से मरीजों को हर महीने ₹1000 की सहायता डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मरीजों के इलाज और पोषण का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। निक्षय मित्रों की सहायता से 12 मरीजों को पोषण और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई हैं।
टीबी के लक्षण पहचानें और समय पर इलाज कराएं
जिलाधिकारी विशाल राज ने टीबी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी, बुखार, वजन कम होना, या रात में पसीना आने जैसे लक्षण हों, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।” उन्होंने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा, “आइए, हम सब मिलकर 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करें। अपने आसपास अगर किसी को टीबी के लक्षण दिखें, तो उसे इलाज के लिए प्रेरित करें।”
जन सहयोग से संभव होगा टीबी मुक्त भारत
जिलाधिकारी ने कहा, “समाज के हर व्यक्ति को इस अभियान में भागीदारी करनी चाहिए। जागरूकता फैलाकर और समय पर इलाज सुनिश्चित कर हम किशनगंज को टीबी मुक्त जिला बना सकते हैं।” टीबी मुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा जब समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाएंगे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिला पदाधिकारी ने की समय पर जांच और इलाज की अपील
देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को साकार करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। जिलाधिकारी विशाल राज ने टीबी के इलाज और बचाव के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “टीबी एक गंभीर लेकिन पूरी तरह से इलाज योग्य रोग है। समय पर जांच और दवाओं का नियमित सेवन मरीज को पूरी तरह ठीक कर सकता है। सभी नागरिक टीबी से बचाव और इसके इलाज के प्रति सजग रहें।”
टीबी से बचाव और इलाज के लिए जनजागरूकता अभियान
टीबी के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि टीबी के मरीजों के लिए 6 से 9 महीने तक दवा का नियमित सेवन अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और दवाएं मुफ्त उपलब्ध हैं। अधूरा इलाज टीबी को और खतरनाक बना सकता है।”
टीबी के इलाज में उच्च प्रोटीनयुक्त आहार का महत्व
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि टीबी के मरीजों को दवाओं के साथ संतुलित आहार की भी आवश्यकता होती है। उच्च प्रोटीनयुक्त आहार मरीज की तेजी से रिकवरी में मदद करता है। इसके तहत निक्षय पोषण योजना के माध्यम से मरीजों को हर महीने ₹1000 की सहायता डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मरीजों के इलाज और पोषण का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। निक्षय मित्रों की सहायता से 12 मरीजों को पोषण और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई हैं।
टीबी के लक्षण पहचानें और समय पर इलाज कराएं
जिलाधिकारी विशाल राज ने टीबी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करने की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी, बुखार, वजन कम होना, या रात में पसीना आने जैसे लक्षण हों, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।” उन्होंने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा, “आइए, हम सब मिलकर 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करें। अपने आसपास अगर किसी को टीबी के लक्षण दिखें, तो उसे इलाज के लिए प्रेरित करें।”
जन सहयोग से संभव होगा टीबी मुक्त भारत
जिलाधिकारी ने कहा, “समाज के हर व्यक्ति को इस अभियान में भागीदारी करनी चाहिए। जागरूकता फैलाकर और समय पर इलाज सुनिश्चित कर हम किशनगंज को टीबी मुक्त जिला बना सकते हैं।” टीबी मुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा जब समाज के सभी वर्ग एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाएंगे।
Leave a Reply