सारस न्यूज़, पोठिया, किशनगंज।
नाबालिक की शादी करवाना या करना या किसी तरह से सहायता प्रदान करना गैर जमानतीय कानूनी अपराध है। नाबालिक कि विवाह से शिक्षा के अधिकार, बच्चे के विकास, मानसिक शक्ति और समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बात बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रियंका श्रीवास्तव ने एक नाबालिग की शादी रुकवाने के दौरान कही। उन्होंने बताई कि जिले में बाल विवाह की रोक थाम पर कार्य कर रहे जन निर्माण केंद्र सहयोगी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की टीम द्वारा सूचना मिला कि पोठिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पनासी पंचायत के ढेकीपाड़ा में एक नाबालिग की शादी मंगलवार को होने वाली थी। जिसे लेकर स्थानीय थाना के सहयोग से उक्त टीम के साथ बच्ची के घर पहुंच कर उनके माता पिता को समझाया गया और बाल विवाह नही करने की सलाह दी। बच्ची के परिजनों के लोग मान गए और बाल विवाह को रोक दिया गया। संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम स्थानीय लोगो को बताया कि बाल विवाह एक कानून अपराध है। जिसमें विवाह में शामिल सभी लोगों को दो साल की जेल व एक लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान है। उक्त टीम ने परिजनों से एक शपथ पत्र भरवाया। जिसमें वह इकरार किया कि अपने बच्ची की शादी 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही करेंगे। उक्त टीम में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रियंका श्रीवास्तव, महिला पर्यवेक्षका बेबी कुमा, पहाड़कट्टा थाना अध्यक्ष चंदन कुमार, संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम, सामूदायिक सामाजिक कार्यकर्ता बिपिन बिहारी, चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर अब्दुल कय्यूम एवं कुंदन कुमार स्थानीय वार्ड सदस्य प्रतिनिधि नोरेन पहाड़िया व जन प्रतिनिधि मौजूद थे।