जैन पर्युषण महापर्व प्रगति पर है। शुक्रवार को इस आठ दिवसीय पर्व का छठा दिन जप दिवस के रूप में मनाया गया। जप दिवस पर आयोजित कार्यक्रम उपासक सा सुशील कुमार बाफना एवं सुमेरमल बैद के सानिध्य में तेरापंथ भवन में हुआ। इस अवसर पर जप के महत्व की उपासक द्वय ने विस्तार से उपस्थित श्रावक समाज को जानकारी दी। उपासक द्वय ने अपने प्रवचन में बताया कि पवित्र मंत्र के जाप से मन सबल बनता है। इससे विघ्न बाधाएं दूर होती है।
मंत्र जाप की विधि बताते हुए उपासक द्वय ने बताया कि मन्त्र जाप में उच्चारण की शुद्धि का विशेष ख्याल रखना चाहिए। नियमितता,एक ही स्थान का चयन हो तो इसका विशेष महत्व है। उन्होंने जप के महत्व को बताते हर कहा कि नमस्कार महामंत्र और ओम भिक्षु का जाप मनोबल का विकास करता है। आचार्य महाप्रज्ञ जी की पुस्तक मंत्र एक समाधान सबके लिए पठनीय है। जिसमे जैन दर्शन के कर्मवाद की चर्चा की गई, कर्मवाद को ठीक से समझ लेने पर आचरण नैतिक बन जाता हैं।
प्रवचन उपरान्त जैन विद्या प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। अलग-अलग वर्ग के कुल 21 परीक्षार्थियों को महिला मंडल ने शिल्ड, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार प्रदान किया। शौर्य जैन ने वर्ग-3 में ऑल इंडिया प्रथम स्थान और श्रीमती हीरा बैद ने जैन विद्या विज्ञ की उपाधि प्राप्त की। सभी परीक्षार्थियों को उनके आध्यात्मिक विकास और उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगल कामना प्रेषित की गई।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जैन पर्युषण महापर्व प्रगति पर है। शुक्रवार को इस आठ दिवसीय पर्व का छठा दिन जप दिवस के रूप में मनाया गया। जप दिवस पर आयोजित कार्यक्रम उपासक सा सुशील कुमार बाफना एवं सुमेरमल बैद के सानिध्य में तेरापंथ भवन में हुआ। इस अवसर पर जप के महत्व की उपासक द्वय ने विस्तार से उपस्थित श्रावक समाज को जानकारी दी। उपासक द्वय ने अपने प्रवचन में बताया कि पवित्र मंत्र के जाप से मन सबल बनता है। इससे विघ्न बाधाएं दूर होती है।
मंत्र जाप की विधि बताते हुए उपासक द्वय ने बताया कि मन्त्र जाप में उच्चारण की शुद्धि का विशेष ख्याल रखना चाहिए। नियमितता,एक ही स्थान का चयन हो तो इसका विशेष महत्व है। उन्होंने जप के महत्व को बताते हर कहा कि नमस्कार महामंत्र और ओम भिक्षु का जाप मनोबल का विकास करता है। आचार्य महाप्रज्ञ जी की पुस्तक मंत्र एक समाधान सबके लिए पठनीय है। जिसमे जैन दर्शन के कर्मवाद की चर्चा की गई, कर्मवाद को ठीक से समझ लेने पर आचरण नैतिक बन जाता हैं।
प्रवचन उपरान्त जैन विद्या प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। अलग-अलग वर्ग के कुल 21 परीक्षार्थियों को महिला मंडल ने शिल्ड, प्रमाण-पत्र और पुरस्कार प्रदान किया। शौर्य जैन ने वर्ग-3 में ऑल इंडिया प्रथम स्थान और श्रीमती हीरा बैद ने जैन विद्या विज्ञ की उपाधि प्राप्त की। सभी परीक्षार्थियों को उनके आध्यात्मिक विकास और उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगल कामना प्रेषित की गई।
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