सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
प्रखंड के पाटकोई कला पंचायत के वार्ड संख्या 15 स्थित कद्दूबाड़ी के पास महानंदा नदी से निकली धार पाटकोई कला और डेरामारी पंचायत के कई गांवों और टोलों के लिए गंभीर खतरा बन गई है। यह धार साल 2017 में आई बाढ़ के दौरान उत्पन्न हुई थी, जब महानंदा नदी का पश्चिमी तटबंध करीब 200 मीटर तक ध्वस्त हो गया था।
आज तक इस तटबंध का पुनर्निर्माण नहीं हो पाया है। ध्वस्त तटबंध के पुनर्निर्माण को लेकर जिला प्रशासन के कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
आम आदमी पार्टी के जिला प्रभारी शकील आलम ने बताया कि इस धार का प्रवाह कद्दूबाड़ी, अब्दलभीट्टा, पेलनी, डेंगापार, सराय कूड़ी, काशीबाड़ी, मौजाबाड़ी, और डेरामारी जैसे कई गांवों की बड़ी आबादी के लिए खतरा बन चुका है। बरसात के दिनों में महानंदा नदी का जल स्तर बढ़ने पर इस धार में पानी भर जाता है, जिससे कई गांव जलमग्न हो जाते हैं। इस धार के कारण उपजाऊ भूमि बंजर रेत में बदल चुकी है।
तटबंध निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई है। प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि समस्या का जायजा लेने पहुंचे भी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। अब मुख्यमंत्री के क्षेत्र में आगमन के दौरान इस गंभीर समस्या को उनके सामने रखा जाएगा।