किशनगंज मुख्यालय स्थित लाइन वार्ड 15 के मलेरिया ऑफिस क्षेत्र में आपसी सहमति से 15 वर्षीय किशोर और 14 वर्षीय किशोरी की शादी तय की गई थी। हालांकि, जागरूकता कार्यक्रमों के कारण इस बाल विवाह की सूचना राहत संस्था को मिली, जो ‘एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के तहत बाल श्रम, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के खिलाफ काम कर रही है। सूचना मिलते ही संस्था के कार्यक्रम समन्वयक विपिन बिहारी ने इस मामले की जानकारी वार्ड पार्षद और जिला बाल संरक्षण इकाई को दी।
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बाल विवाह निषेध पदाधिकारी, सहायक बाल विवाह निषेध पदाधिकारी और स्थानीय थाने से त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया। वार्ड 15 के पार्षद मोहम्मद कौशर ने तत्परता दिखाते हुए स्थानीय लोगों और दोनों परिवारों के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में दोनों पक्षों को बाल विवाह के नुकसान और कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। दोनों परिवारों ने पार्षद के सामने स्वघोषित शपथपत्र दिया कि वे अपने बच्चों की शादी तब तक नहीं करेंगे, जब तक वे बालिग नहीं हो जाते।
बैठक में पार्षद मोहम्मद कौशर, सज्जाद, मुन्नी खातून, साकिर उर्फ छंगला, फत्ते खान, अनवर, चुन्ना अहमद, संस्था के विपिन बिहारी, कानूनी सलाहकार और समाज के कई अन्य लोग उपस्थित थे। संस्था की सचिव डॉ. फरजाना वेगम ने कहा कि संस्था जिले में बाल विवाह रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें जिला प्रशासन का सहयोग सराहनीय है। वार्ड पार्षद ने भी कहा कि वे अपने वार्ड में बाल अधिकार संरक्षण के प्रति समर्पित हैं और जल्द ही वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन करेंगे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज मुख्यालय स्थित लाइन वार्ड 15 के मलेरिया ऑफिस क्षेत्र में आपसी सहमति से 15 वर्षीय किशोर और 14 वर्षीय किशोरी की शादी तय की गई थी। हालांकि, जागरूकता कार्यक्रमों के कारण इस बाल विवाह की सूचना राहत संस्था को मिली, जो ‘एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के तहत बाल श्रम, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के खिलाफ काम कर रही है। सूचना मिलते ही संस्था के कार्यक्रम समन्वयक विपिन बिहारी ने इस मामले की जानकारी वार्ड पार्षद और जिला बाल संरक्षण इकाई को दी।
बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बाल विवाह निषेध पदाधिकारी, सहायक बाल विवाह निषेध पदाधिकारी और स्थानीय थाने से त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया। वार्ड 15 के पार्षद मोहम्मद कौशर ने तत्परता दिखाते हुए स्थानीय लोगों और दोनों परिवारों के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में दोनों पक्षों को बाल विवाह के नुकसान और कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। दोनों परिवारों ने पार्षद के सामने स्वघोषित शपथपत्र दिया कि वे अपने बच्चों की शादी तब तक नहीं करेंगे, जब तक वे बालिग नहीं हो जाते।
बैठक में पार्षद मोहम्मद कौशर, सज्जाद, मुन्नी खातून, साकिर उर्फ छंगला, फत्ते खान, अनवर, चुन्ना अहमद, संस्था के विपिन बिहारी, कानूनी सलाहकार और समाज के कई अन्य लोग उपस्थित थे। संस्था की सचिव डॉ. फरजाना वेगम ने कहा कि संस्था जिले में बाल विवाह रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें जिला प्रशासन का सहयोग सराहनीय है। वार्ड पार्षद ने भी कहा कि वे अपने वार्ड में बाल अधिकार संरक्षण के प्रति समर्पित हैं और जल्द ही वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन करेंगे।
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