दिघलबैंक प्रखंड में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। पूरे प्रखंड में इस पावन अवसर पर भक्ति की लहर दौड़ पड़ी। तुलसिया स्थित प्रसिद्ध ठाकुरबाड़ी मंदिर में विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान श्रीकृष्ण का पूजन संपन्न हुआ। मंदिर परिसर भक्ति गीतों और ‘जय श्रीकृष्ण’ के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।
सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े। भक्तों ने फल-फूल, पंचामृत और अन्य पूजन सामग्री के साथ भगवान के बाल स्वरूप की आराधना की। केवल मंदिरों में ही नहीं, बल्कि कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी विशेष पूजा का आयोजन किया। पूरे वातावरण में भक्ति और अध्यात्म का भाव साफ झलक रहा था।
इस मौके पर छोटे-छोटे बच्चों को भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की वेशभूषा में सजाया गया। बच्चों की इन मनमोहक झलकियों को लोगों ने कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर खूब साझा किया। हर ओर से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की गूंज सुनाई दे रही थी, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार की जन्माष्टमी पहले से अधिक उत्साहपूर्ण रही। लोगों ने न केवल धार्मिक भावनाओं के साथ पर्व को मनाया, बल्कि समाज में एकता और सांस्कृतिक चेतना का भी संदेश दिया।
इस तरह पूरे दिघलबैंक प्रखंड में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा, उत्सव और प्रेम के वातावरण में सम्पन्न हुआ, जो लोगों के दिलों में लंबे समय तक एक मधुर स्मृति बनकर रहेगा।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
दिघलबैंक प्रखंड में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। पूरे प्रखंड में इस पावन अवसर पर भक्ति की लहर दौड़ पड़ी। तुलसिया स्थित प्रसिद्ध ठाकुरबाड़ी मंदिर में विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान श्रीकृष्ण का पूजन संपन्न हुआ। मंदिर परिसर भक्ति गीतों और ‘जय श्रीकृष्ण’ के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।
सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े। भक्तों ने फल-फूल, पंचामृत और अन्य पूजन सामग्री के साथ भगवान के बाल स्वरूप की आराधना की। केवल मंदिरों में ही नहीं, बल्कि कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी विशेष पूजा का आयोजन किया। पूरे वातावरण में भक्ति और अध्यात्म का भाव साफ झलक रहा था।
इस मौके पर छोटे-छोटे बच्चों को भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की वेशभूषा में सजाया गया। बच्चों की इन मनमोहक झलकियों को लोगों ने कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर खूब साझा किया। हर ओर से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की गूंज सुनाई दे रही थी, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार की जन्माष्टमी पहले से अधिक उत्साहपूर्ण रही। लोगों ने न केवल धार्मिक भावनाओं के साथ पर्व को मनाया, बल्कि समाज में एकता और सांस्कृतिक चेतना का भी संदेश दिया।
इस तरह पूरे दिघलबैंक प्रखंड में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धा, उत्सव और प्रेम के वातावरण में सम्पन्न हुआ, जो लोगों के दिलों में लंबे समय तक एक मधुर स्मृति बनकर रहेगा।
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