• Thu. Sep 11th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

एनसीडी स्क्रीनिंग के लिए आशाओं का प्रशिक्षण जारी, 14वें बैच का समापन।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

14वें बैच का समापन: जिलाधिकारी ने की प्रशंसा

जिले में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक्स (एनपीसीडीसीएस) के तहत आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का 14वां बैच गुरुवार को सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य हर घर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना और 30+ आयु वर्ग के व्यक्तियों की स्क्रीनिंग कर बीमारियों की समय पर पहचान करना है।

गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि 14वें बैच के समापन के साथ ही यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने और लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है। आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की भागीदारी से यह मिशन धीरे-धीरे अपनी सफलता की ओर बढ़ रहा है।

प्रशिक्षण का उद्देश्य और भूमिका

प्रशिक्षण में आशाओं को उनके कार्यक्षेत्र में सी-बैक फॉर्म भरने, गंभीर बीमारियों की पहचान और मरीजों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने की प्रक्रिया समझाई गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से जिले में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति की पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग की जा रही है। गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “आशा कार्यकर्ता गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। उनके प्रशिक्षण से बीमारियों की पहचान और इलाज को गति मिलेगी।”

गुरुवार को मिला सी-बैक फॉर्म भरने का निर्देश

प्रशिक्षण के दौरान गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने गुरुवार को सभी आशाओं को 05 सी-बैक फॉर्म भरने का निर्देश दिया। इन फॉर्मों को संबंधित एएनएम द्वारा एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड किया जाएगा। इससे प्रत्येक एएनएम के जरिए 40-50 फॉर्म ऑनलाइन दर्ज किए जाएंगे, जिससे लोगों के स्वास्थ्य संबंधी डेटा का विश्लेषण करना और समय पर इलाज सुनिश्चित करना संभव होगा।

डिजिटल प्रक्रिया से समय पर इलाज का लाभ

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “एनसीडी एप्लीकेशन के जरिए डिजिटल डेटा प्रबंधन से मरीजों की जानकारी तक त्वरित पहुंच संभव होगी। यह प्रक्रिया इलाज में देरी को रोकने और गंभीर बीमारियों के मामलों को प्राथमिकता देने में मददगार होगी।”

आशाओं की जिम्मेदारी और प्रशिक्षण की विशेषता

  1. सी-बैक फॉर्म भरना:
    आशा कार्यकर्ता प्रत्येक परिवार के 30+ आयु वर्ग के सदस्यों की स्क्रीनिंग करेंगी और उनके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी रिकॉर्ड करेंगी।
  2. डेटा का अपलोड:
    भरे गए फॉर्म एएनएम द्वारा एनसीडी एप पर अपलोड किए जाएंगे।
  3. गंभीर मरीजों की पहचान:
    स्क्रीनिंग के आधार पर गंभीर मरीजों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक पहुंचाने और उनका इलाज सुनिश्चित करने का दायित्व भी आशाओं को सौंपा गया है।

14वें बैच का समापन: जिलाधिकारी ने की प्रशंसा

जिलाधिकारी विशाल राज ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “यह पहल जिले के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने और बीमारियों की समय पर पहचान में बेहद महत्वपूर्ण है। आशा कार्यकर्ता और एएनएम की भूमिका इस मिशन को सफल बनाने में अहम है। डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएगा।”

स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में सशक्त कदम

गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य आशाओं को जागरूक और सशक्त करना है, ताकि वे गांवों में गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी देकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बना सकें। उन्होंने बताया, “गैर-संचारी रोग जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और लकवा का समय पर पता लगाना और इलाज शुरू करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।”

लोगों तक पहुंचेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा

सिविल सर्जन ने कहा, “यह कार्यक्रम हर घर तक पहुंचने का एक मजबूत माध्यम बन रहा है। माइक्रो प्लानिंग के जरिए जहां-जहां स्क्रीनिंग होनी है, वहां आशाओं को सक्रिय किया जा रहा है। इससे गंभीर रोगियों को समय पर इलाज मिल सकेगा और जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *