पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज में “उन्नत बकरी पालन” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के डीन डॉ. चंद्रहास और उपस्थित पशुपालक महिलाओं द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. चंद्रहास ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बकरी पालन की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि इससे आय और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि किशनगंज का क्षेत्र बकरी पालन के लिए अत्यंत उपयुक्त है, और वैज्ञानिक तरीकों से पालन करने पर बकरियों की मृत्यु दर घटती है और उनके वजन में वृद्धि होती है, जो पशुपालकों की आय पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
कार्यक्रम निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण महाविद्यालय के तृतीय स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों को उन्नत बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना है। इस प्रशिक्षण में बकरियों के आवास, बीमारियों से बचाव, पोषण, सरकारी योजनाओं और बैंक ऋण की प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य डॉ. तृप्ति कुमारी, डॉ. कौशलेन्द्र सिंह, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. हेमंत कुमार सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक भी उपस्थित रहे।
सारस न्यूज़, पोठिया, किशनगंज।
पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज में “उन्नत बकरी पालन” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के डीन डॉ. चंद्रहास और उपस्थित पशुपालक महिलाओं द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. चंद्रहास ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बकरी पालन की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि इससे आय और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि किशनगंज का क्षेत्र बकरी पालन के लिए अत्यंत उपयुक्त है, और वैज्ञानिक तरीकों से पालन करने पर बकरियों की मृत्यु दर घटती है और उनके वजन में वृद्धि होती है, जो पशुपालकों की आय पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
कार्यक्रम निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण महाविद्यालय के तृतीय स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों को उन्नत बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना है। इस प्रशिक्षण में बकरियों के आवास, बीमारियों से बचाव, पोषण, सरकारी योजनाओं और बैंक ऋण की प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य डॉ. तृप्ति कुमारी, डॉ. कौशलेन्द्र सिंह, डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. हेमंत कुमार सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक भी उपस्थित रहे।
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