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जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित दो बच्चों को निःशुल्क सर्जरी के लिए भेजा गया अहमदाबाद।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत बच्चों को जीवनदान

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत जन्मजात हृदय रोग (CHD) से पीड़ित बच्चों के लिए एक और अहम पहल की गई है। कोचाधामन प्रखंड के 1 वर्षीय समशाद अली और 8.5 वर्षीय फकीया नाज को निःशुल्क ओपन हार्ट सर्जरी के लिए अहमदाबाद स्थित श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल भेजा गया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की सक्रियता और सरकार की इस जनकल्याणकारी योजना के तहत इन बच्चों को नई जिंदगी मिलने की उम्मीद है।

बच्चों का विवरण और समस्या

  1. समशाद अली: उम्र 1 वर्ष, पिता का नाम अब्दुल हकीम, निवासी प्रखंड कोचाधामन।
  2. फकीया नाज: उम्र 8.5 वर्ष, पिता का नाम फिरोज आलम, निवासी प्रखंड कोचाधामन।

दोनों बच्चों के हृदय में जन्म से छेद था, जिसके कारण उनका सामान्य जीवन बाधित हो रहा था। समय पर इलाज न होने पर उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती थी।

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का प्रभाव

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत अब तक जिले में 60 से अधिक बच्चों की सफल सर्जरी हो चुकी है। इस योजना का उद्देश्य गंभीर बीमारियों और जन्मजात विकृतियों से पीड़ित बच्चों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराना है। अहमदाबाद के सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल में बच्चों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में होगा।

आरबीएसके टीम की भूमिका

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि आरबीएसके टीम की सक्रियता से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें समय पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। टीम में चिकित्सक, एएनएम और फार्मासिस्ट शामिल हैं, जो गांव-गांव जाकर स्क्रीनिंग करते हैं।

जिला पदाधिकारी की अपील

जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा, “जन्मजात विकृतियों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य केंद्र जाकर आरबीएसके टीम से संपर्क करें।”

सरकारी सुविधाएं और सहयोग

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मुनाजिम ने बताया कि इस योजना के तहत बच्चों का इलाज पूरी तरह निःशुल्क है। इसमें मरीज और एक अभिभावक के रहने, खाने, और यात्रा का खर्च सरकार उठाती है। इलाज के बाद बच्चों की स्थिति पर नियमित निगरानी भी की जाती है।

सरकार की इस पहल से न केवल बच्चों को जीवनदान मिल रहा है, बल्कि उनके परिवारों को आर्थिक सहारा भी प्रदान किया जा रहा है। यह योजना समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है।

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