किशनगंज जिले के सभी सात प्रखंडों के गांव-टोलों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन जोर-शोर से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सुबह, प्रथम पाली और शाम की द्वितीय पाली में संपन्न हो रहा है, जिसमें महिलाओं की उत्साही भागीदारी देखने को मिल रही है।
महिलाओं की मुखर भागीदारी
कार्यक्रम में ग्राम संगठन की महिलाएँ न केवल स्थानीय समस्याएँ उठा रही हैं, बल्कि नीतिगत सुझाव और व्यक्तिगत आकांक्षाएँ भी खुलकर सामने रख रही हैं। राशन, पेंशन, छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल योजना की राशि में वृद्धि की मांग हो या सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की समस्याएँ, महिलाएँ दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ अपनी बातें रख रही हैं।
गांव-गांव में संवाद की गूंज
मंगलवार को ठाकुरगंज प्रखंड के चुरली, छेतल, भोलमारा, रसिया, दिघलबैंक के सतकौआ, दिघलबैंक, पोठिया के नौकट्टा, रायपुर, टिप्पीझाड़ी, छत्तरगाछ, कोचाधामन के हल्दीखोड़ा, सौंथा, मजुकरी, टेढ़ागाछ के चिलहनिया, बैगना और बहादुरगंज के मोहम्मदनगर, चंदवार सहित 20 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सरकार की योजनाओं से मिली नई ऊर्जा
कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं ने सरकारी योजनाओं के अनुभव साझा किए। योजनाओं के लाभ से सशक्त हुई महिलाएँ अपने गाँव और घर की समस्याओं को स्पष्टता और साहस के साथ सामने रख रही हैं। वे अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं, बल्कि ग्राम विकास की भागीदार बन रही हैं।
जागरूकता और सूचना का माध्यम
कार्यक्रम में जागरूकता रथ के ज़रिए सरकारी योजनाओं पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही लीफलेट बांटकर महिलाओं को योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी गई।
चरणबद्ध आयोजन
18 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशनगंज जिले के सभी 1262 ग्राम संगठनों तक पहुँचना है। कार्यक्रम को चरणबद्ध रूप से चलाया जा रहा है और बुधवार को भी सातों प्रखंडों में इसका आयोजन जारी रहेगा।
निष्कर्ष
महिला संवाद कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है, जहाँ वे अपने अधिकारों, समस्याओं और समाधान के बारे में सशक्त रूप से आवाज़ उठा रही हैं। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले के सभी सात प्रखंडों के गांव-टोलों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन जोर-शोर से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सुबह, प्रथम पाली और शाम की द्वितीय पाली में संपन्न हो रहा है, जिसमें महिलाओं की उत्साही भागीदारी देखने को मिल रही है।
महिलाओं की मुखर भागीदारी
कार्यक्रम में ग्राम संगठन की महिलाएँ न केवल स्थानीय समस्याएँ उठा रही हैं, बल्कि नीतिगत सुझाव और व्यक्तिगत आकांक्षाएँ भी खुलकर सामने रख रही हैं। राशन, पेंशन, छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल योजना की राशि में वृद्धि की मांग हो या सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की समस्याएँ, महिलाएँ दृढ़ता और आत्मविश्वास के साथ अपनी बातें रख रही हैं।
गांव-गांव में संवाद की गूंज
मंगलवार को ठाकुरगंज प्रखंड के चुरली, छेतल, भोलमारा, रसिया, दिघलबैंक के सतकौआ, दिघलबैंक, पोठिया के नौकट्टा, रायपुर, टिप्पीझाड़ी, छत्तरगाछ, कोचाधामन के हल्दीखोड़ा, सौंथा, मजुकरी, टेढ़ागाछ के चिलहनिया, बैगना और बहादुरगंज के मोहम्मदनगर, चंदवार सहित 20 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सरकार की योजनाओं से मिली नई ऊर्जा
कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं ने सरकारी योजनाओं के अनुभव साझा किए। योजनाओं के लाभ से सशक्त हुई महिलाएँ अपने गाँव और घर की समस्याओं को स्पष्टता और साहस के साथ सामने रख रही हैं। वे अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं, बल्कि ग्राम विकास की भागीदार बन रही हैं।
जागरूकता और सूचना का माध्यम
कार्यक्रम में जागरूकता रथ के ज़रिए सरकारी योजनाओं पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही लीफलेट बांटकर महिलाओं को योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी गई।
चरणबद्ध आयोजन
18 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशनगंज जिले के सभी 1262 ग्राम संगठनों तक पहुँचना है। कार्यक्रम को चरणबद्ध रूप से चलाया जा रहा है और बुधवार को भी सातों प्रखंडों में इसका आयोजन जारी रहेगा।
निष्कर्ष
महिला संवाद कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को एक सशक्त मंच प्रदान कर रहा है, जहाँ वे अपने अधिकारों, समस्याओं और समाधान के बारे में सशक्त रूप से आवाज़ उठा रही हैं। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।