संवाद की उपयोगिता भारतीय समाज में हमेशा से रही है। संवाद में अपनी बातें दूसरों से साझा करने का मौका मिलता है। हम एक-दूसरे के अनुभव से सीखते हैं। महिला संवाद कार्यक्रम इस दिशा में महिलाओं को मंच दे रहा है। महिला संवाद कार्यक्रम में जुबेदा परवीन आँगनबाड़ी केंद्र के आधुनिकीकरण की बात करती हैं। इन केंद्रों पर सुविधाएँ बढ़ाने की आकांक्षा व्यक्त करती हैं। वे कहती हैं कि गर्भवती, धात्री महिलाएँ एवं बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य के लिए यह अधिक से अधिक उपयोगी बन सके, इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। बहादुरगंज प्रखंड के मोहम्मदनगर पंचायत की जुबेदा परवीन, ग्रामीण परिवेश में आँगनबाड़ी केंद्रों की उपयोगिता पर अपनी बात रख रही थीं। उन्होंने बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी शिक्षा के लिए, आँगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षित लोगों की उपलब्धता से जुड़ी आकांक्षा व्यक्त की, ताकि आँगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण परिवार के बच्चों के सर्वांगीण विकास में उपयोगी सिद्ध हो सकें।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएँ मुखर होकर अपनी आकांक्षा व्यक्त कर रही हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर उन्नति करने वाली महिलाएँ अपना अनुभव भी साझा कर रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। जागरूकता रथ के माध्यम से वीडियो फ़िल्म दिखाकर महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। सरकार की योजनाओं की जानकारी युक्त लीफलेट उनके बीच वितरित किया जा रहा है। लीफलेट में महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई है। महिला संवाद कार्यक्रम, महिलाओं के लिए विचार, सुझाव, आकांक्षा व्यक्त करने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
महिला संवाद कार्यक्रम में पोठिया प्रखंड के कोल्था पंचायत की साक़िया खातून बताती हैं कि हमें सरकार से आवास और शौचालय निर्माण की राशि प्राप्त हुई है। बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्हें पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल, मध्याह्न भोजन का लाभ मिल रहा है। सरकार की योजनाओं से हमें जीवन में सहूलियत हुई है। हमारे परिवार की आय इतनी नहीं थी कि बच्चों को शिक्षा दिला पाते। सरकारी विद्यालय में पढ़कर हमारे बच्चे शिक्षित हो रहे हैं। अब उनके भविष्य के बारे में बेहतर सोच पा रहे हैं। संवाद स्थल पर महिलाओं की भागीदारी को लेकर पूर्व से तैयारी की जा रही है। उनकी आकांक्षाओं, समस्याओं को लिखित रूप में दर्ज किया जा रहा है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
संवाद की उपयोगिता भारतीय समाज में हमेशा से रही है। संवाद में अपनी बातें दूसरों से साझा करने का मौका मिलता है। हम एक-दूसरे के अनुभव से सीखते हैं। महिला संवाद कार्यक्रम इस दिशा में महिलाओं को मंच दे रहा है। महिला संवाद कार्यक्रम में जुबेदा परवीन आँगनबाड़ी केंद्र के आधुनिकीकरण की बात करती हैं। इन केंद्रों पर सुविधाएँ बढ़ाने की आकांक्षा व्यक्त करती हैं। वे कहती हैं कि गर्भवती, धात्री महिलाएँ एवं बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य के लिए यह अधिक से अधिक उपयोगी बन सके, इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। बहादुरगंज प्रखंड के मोहम्मदनगर पंचायत की जुबेदा परवीन, ग्रामीण परिवेश में आँगनबाड़ी केंद्रों की उपयोगिता पर अपनी बात रख रही थीं। उन्होंने बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी शिक्षा के लिए, आँगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षित लोगों की उपलब्धता से जुड़ी आकांक्षा व्यक्त की, ताकि आँगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण परिवार के बच्चों के सर्वांगीण विकास में उपयोगी सिद्ध हो सकें।
महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाएँ मुखर होकर अपनी आकांक्षा व्यक्त कर रही हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर उन्नति करने वाली महिलाएँ अपना अनुभव भी साझा कर रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। जागरूकता रथ के माध्यम से वीडियो फ़िल्म दिखाकर महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। सरकार की योजनाओं की जानकारी युक्त लीफलेट उनके बीच वितरित किया जा रहा है। लीफलेट में महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई है। महिला संवाद कार्यक्रम, महिलाओं के लिए विचार, सुझाव, आकांक्षा व्यक्त करने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
महिला संवाद कार्यक्रम में पोठिया प्रखंड के कोल्था पंचायत की साक़िया खातून बताती हैं कि हमें सरकार से आवास और शौचालय निर्माण की राशि प्राप्त हुई है। बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। उन्हें पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल, मध्याह्न भोजन का लाभ मिल रहा है। सरकार की योजनाओं से हमें जीवन में सहूलियत हुई है। हमारे परिवार की आय इतनी नहीं थी कि बच्चों को शिक्षा दिला पाते। सरकारी विद्यालय में पढ़कर हमारे बच्चे शिक्षित हो रहे हैं। अब उनके भविष्य के बारे में बेहतर सोच पा रहे हैं। संवाद स्थल पर महिलाओं की भागीदारी को लेकर पूर्व से तैयारी की जा रही है। उनकी आकांक्षाओं, समस्याओं को लिखित रूप में दर्ज किया जा रहा है।
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