ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है महिला संवाद कार्यक्रम। यह न केवल एक संवाद का मंच है, बल्कि महिलाओं की आकांक्षाओं, अनुभवों और सुझावों को स्वर देने वाली एक सशक्त पहल भी है। महिलाओं में इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। वे न सिर्फ बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं, बल्कि बेझिझक अपनी बात रख रही हैं — समाज और विकास के मुद्दों पर खुलकर बोल रही हैं।
यह कार्यक्रम महिलाओं के विचारों को सम्मान देने और उनके अनुभवों को दिशा देने का कार्य कर रहा है। महिलाएं अपनी दिनचर्या से समय निकालकर कार्यक्रम में भाग ले रही हैं और अपने गांव, पंचायत और जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दे रही हैं। वे न केवल समस्याओं को सामने ला रही हैं, बल्कि संभावनाओं की राह भी सुझा रही हैं। यही सक्रिय सहभागिता इस पहल को और अधिक जीवंत और प्रभावशाली बना रही है।
कार्यक्रम में महिलाओं को वीडियो फिल्मों के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। किशनगंज जिले के सभी सात प्रखंडों में प्रतिदिन 2 से 4 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मंगलवार को सदर प्रखंड के हालामाला व मोतीहारा तालुका पंचायत, दिघलबैंक के धनगढ़ा व दहीभात, कोचाधामन के मोधो, नजरपुर व कमलपुर, ठाकुरगंज के सखुआडाली व तातपोआ, पोठिया के परलाबाड़ी, सरोगोड़ा, बुधरा व दामलबाड़ी, टेढ़ागाछ के खानियाबाद व हाटगांव, तथा बहादुरगंज के देसियाटोली व गांगी पंचायतों में महिला संवाद का आयोजन किया गया।
ग्राम संगठन के सहयोग से महिलाएं एकत्र होकर “जागरूकता रथ” में लगे वीडियो फ़िल्मों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। साथ ही वे महिलाएं जो पहले से ही इन योजनाओं का लाभ लेकर उन्नति की दिशा में अग्रसर हैं — वे भी अपना अनुभव साझा कर अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं।
इस संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने अपनी स्थानीय और नीतिगत आकांक्षाएं भी खुलकर व्यक्त की हैं। इन सभी सुझावों को विधिवत सूचीबद्ध किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इन्हीं के आधार पर महिलाओं के लिए और भी प्रभावी योजनाएं तैयार की जा सकें। यह प्रक्रिया सरकार को महिलाओं की वास्तविक ज़रूरतों और ज़मीनी समस्याओं से सीधे जोड़ रही है।
सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — महिला सशक्तिकरण के ज़रिए संपूर्ण समाज को आत्मनिर्भर बनाना। इस दिशा में सामाजिक और आर्थिक योजनाएं लागू की जा रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम उसी कड़ी का सशक्त पड़ाव है, जो न केवल योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुंचा रहा है, बल्कि महिलाओं की आवाज़ को भी सरकार तक पहुँचा रहा है।
गौरतलब है कि किशनगंज जिले के सभी सातों प्रखंडों में स्थित 1262 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से आयोजित किया जाएगा। यह प्रयास न केवल महिलाओं के सपनों को नई उड़ान देगा, बल्कि पूरे समाज को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित होगा।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है महिला संवाद कार्यक्रम। यह न केवल एक संवाद का मंच है, बल्कि महिलाओं की आकांक्षाओं, अनुभवों और सुझावों को स्वर देने वाली एक सशक्त पहल भी है। महिलाओं में इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। वे न सिर्फ बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं, बल्कि बेझिझक अपनी बात रख रही हैं — समाज और विकास के मुद्दों पर खुलकर बोल रही हैं।
यह कार्यक्रम महिलाओं के विचारों को सम्मान देने और उनके अनुभवों को दिशा देने का कार्य कर रहा है। महिलाएं अपनी दिनचर्या से समय निकालकर कार्यक्रम में भाग ले रही हैं और अपने गांव, पंचायत और जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दे रही हैं। वे न केवल समस्याओं को सामने ला रही हैं, बल्कि संभावनाओं की राह भी सुझा रही हैं। यही सक्रिय सहभागिता इस पहल को और अधिक जीवंत और प्रभावशाली बना रही है।
कार्यक्रम में महिलाओं को वीडियो फिल्मों के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। किशनगंज जिले के सभी सात प्रखंडों में प्रतिदिन 2 से 4 ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मंगलवार को सदर प्रखंड के हालामाला व मोतीहारा तालुका पंचायत, दिघलबैंक के धनगढ़ा व दहीभात, कोचाधामन के मोधो, नजरपुर व कमलपुर, ठाकुरगंज के सखुआडाली व तातपोआ, पोठिया के परलाबाड़ी, सरोगोड़ा, बुधरा व दामलबाड़ी, टेढ़ागाछ के खानियाबाद व हाटगांव, तथा बहादुरगंज के देसियाटोली व गांगी पंचायतों में महिला संवाद का आयोजन किया गया।
ग्राम संगठन के सहयोग से महिलाएं एकत्र होकर “जागरूकता रथ” में लगे वीडियो फ़िल्मों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। साथ ही वे महिलाएं जो पहले से ही इन योजनाओं का लाभ लेकर उन्नति की दिशा में अग्रसर हैं — वे भी अपना अनुभव साझा कर अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं।
इस संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने अपनी स्थानीय और नीतिगत आकांक्षाएं भी खुलकर व्यक्त की हैं। इन सभी सुझावों को विधिवत सूचीबद्ध किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इन्हीं के आधार पर महिलाओं के लिए और भी प्रभावी योजनाएं तैयार की जा सकें। यह प्रक्रिया सरकार को महिलाओं की वास्तविक ज़रूरतों और ज़मीनी समस्याओं से सीधे जोड़ रही है।
सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — महिला सशक्तिकरण के ज़रिए संपूर्ण समाज को आत्मनिर्भर बनाना। इस दिशा में सामाजिक और आर्थिक योजनाएं लागू की जा रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम उसी कड़ी का सशक्त पड़ाव है, जो न केवल योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुंचा रहा है, बल्कि महिलाओं की आवाज़ को भी सरकार तक पहुँचा रहा है।
गौरतलब है कि किशनगंज जिले के सभी सातों प्रखंडों में स्थित 1262 ग्राम संगठनों में यह कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से आयोजित किया जाएगा। यह प्रयास न केवल महिलाओं के सपनों को नई उड़ान देगा, बल्कि पूरे समाज को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित होगा।