जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला जल एवं स्वच्छता समिति, किशनगंज के निर्देशानुसार, 16-17 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत मिशन/लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाइयों (WPU) पर संग्रहित गीले कचरे से जैविक खाद निर्माण को बढ़ावा देने हेतु एक कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला जल एवं स्वच्छता समिति और कृषि विज्ञान केंद्र, किशनगंज द्वारा संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान केंद्र स्थित प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। इसमें जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, और ग्राम पंचायतों के स्वच्छता पर्यवेक्षक शामिल हुए।
कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने नाडेप विधि द्वारा गीले कचरे से जैविक खाद और वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान, सभी प्रतिभागियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में बने खाद टैंकों में खाद निर्माण की प्रक्रिया को दिखाया गया। साथ ही, गाँवों में अधिक से अधिक जैविक खाद निर्माण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला जल एवं स्वच्छता समिति, किशनगंज के निर्देशानुसार, 16-17 अक्टूबर 2024 को स्वच्छ भारत मिशन/लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाइयों (WPU) पर संग्रहित गीले कचरे से जैविक खाद निर्माण को बढ़ावा देने हेतु एक कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला जल एवं स्वच्छता समिति और कृषि विज्ञान केंद्र, किशनगंज द्वारा संयुक्त रूप से कृषि विज्ञान केंद्र स्थित प्रशिक्षण केंद्र में किया गया। इसमें जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, और ग्राम पंचायतों के स्वच्छता पर्यवेक्षक शामिल हुए।
कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने नाडेप विधि द्वारा गीले कचरे से जैविक खाद और वर्मी कंपोस्ट बनाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान, सभी प्रतिभागियों को व्यवहारिक प्रशिक्षण के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में बने खाद टैंकों में खाद निर्माण की प्रक्रिया को दिखाया गया। साथ ही, गाँवों में अधिक से अधिक जैविक खाद निर्माण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया।
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