विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है, ताकि एचआईवी/एड्स जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। इस वर्ष की थीम “वैश्विक एकजुटता, साझा जिम्मेदारी” पर आधारित है, जो सभी को इस संक्रमण के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का संदेश देती है।
एचआईवी संक्रमण से बचाव के उपाय:
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सिरिंज, रक्त या एचआईवी संक्रमित माता से संतान तक यह संक्रमण फैलता है। यह रोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे मरीज टीबी, कैंसर और अन्य संक्रामक बीमारियों का शिकार हो सकता है। उन्होंने कहा, “एचआईवी संक्रमण से बचने के लिए जीवनसाथी के अलावा अन्य किसी के साथ यौन संबंध न बनाएं, यौन संबंध के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें, डिस्पोजेबल सिरिंज और सुरक्षित रक्त का ही उपयोग करें, और गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह लें।”
लक्षणों को पहचानें:
डॉ. राजेश ने बताया कि लगातार बुखार, खांसी, वजन घटना, गले या बगल में सूजन, त्वचा पर खुजली वाले चकते, थकान और भूख न लगने जैसे लक्षण एचआईवी संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करानी चाहिए।
एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करें:
सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. अनवर हुसैन ने कहा, “एचआईवी संक्रमण प्रभावित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने, खाना खाने, खांसने, छींकने या मच्छर के काटने से नहीं फैलता। ऐसे मिथकों को खत्म करना बेहद जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में भेदभाव एक बड़ी बाधा है। हमें पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना चाहिए।
‘हम साथी’ ऐप और हेल्पलाइन 1097 की मदद लें:
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने एड्स से जुड़ी जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1097 और ‘हम साथी’ ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप से एड्स की जांच, इलाज और सरकारी योजनाओं की जानकारी ली जा सकती है। यह ऐप बच्चों में मां से संक्रमण रोकने के उपाय भी बताता है।
भविष्य की दिशा:
यूएनएड्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण एचआईवी के खिलाफ वैश्विक प्रयास धीमे पड़ गए हैं। विश्वभर में 38 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हैं, जिनमें से 12 मिलियन को अभी इलाज नहीं मिल पाया है। हालांकि, 2030 तक एड्स मुक्त दुनिया बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
सभी का सहयोग आवश्यक:
डॉ. राजेश ने कहा, “युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआईवी के प्रसार का मुख्य कारण है। हमें अपनी जिम्मेदारी समझते हुए एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलानी होगी। सही जानकारी और सावधानी से इस संक्रमण से बचाव संभव है।” आइए, एड्स के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाएं और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है, ताकि एचआईवी/एड्स जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। इस वर्ष की थीम “वैश्विक एकजुटता, साझा जिम्मेदारी” पर आधारित है, जो सभी को इस संक्रमण के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का संदेश देती है।
एचआईवी संक्रमण से बचाव के उपाय:
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सिरिंज, रक्त या एचआईवी संक्रमित माता से संतान तक यह संक्रमण फैलता है। यह रोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे मरीज टीबी, कैंसर और अन्य संक्रामक बीमारियों का शिकार हो सकता है। उन्होंने कहा, “एचआईवी संक्रमण से बचने के लिए जीवनसाथी के अलावा अन्य किसी के साथ यौन संबंध न बनाएं, यौन संबंध के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें, डिस्पोजेबल सिरिंज और सुरक्षित रक्त का ही उपयोग करें, और गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह लें।”
लक्षणों को पहचानें:
डॉ. राजेश ने बताया कि लगातार बुखार, खांसी, वजन घटना, गले या बगल में सूजन, त्वचा पर खुजली वाले चकते, थकान और भूख न लगने जैसे लक्षण एचआईवी संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करानी चाहिए।
एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करें:
सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. अनवर हुसैन ने कहा, “एचआईवी संक्रमण प्रभावित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने, खाना खाने, खांसने, छींकने या मच्छर के काटने से नहीं फैलता। ऐसे मिथकों को खत्म करना बेहद जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में भेदभाव एक बड़ी बाधा है। हमें पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना चाहिए।
‘हम साथी’ ऐप और हेल्पलाइन 1097 की मदद लें:
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने एड्स से जुड़ी जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1097 और ‘हम साथी’ ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप से एड्स की जांच, इलाज और सरकारी योजनाओं की जानकारी ली जा सकती है। यह ऐप बच्चों में मां से संक्रमण रोकने के उपाय भी बताता है।
भविष्य की दिशा:
यूएनएड्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण एचआईवी के खिलाफ वैश्विक प्रयास धीमे पड़ गए हैं। विश्वभर में 38 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हैं, जिनमें से 12 मिलियन को अभी इलाज नहीं मिल पाया है। हालांकि, 2030 तक एड्स मुक्त दुनिया बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
सभी का सहयोग आवश्यक:
डॉ. राजेश ने कहा, “युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआईवी के प्रसार का मुख्य कारण है। हमें अपनी जिम्मेदारी समझते हुए एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलानी होगी। सही जानकारी और सावधानी से इस संक्रमण से बचाव संभव है।” आइए, एड्स के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका निभाएं और एक स्वस्थ समाज का निर्माण करें।
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