कोसी नदी के लिए निर्धारित 15 जून से बाढ़ अवधि के तहत पूरा विभागीय सिस्टम ऑन हो गया है। सभी तरह की निर्धारित व्यवस्था 15 जून से काम करना शुरू कर चुकी हैं। जो 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। कोसी के नेपाल एवं भारतीय प्रभाग में पदस्थापित सभी स्तर के अभियंताओं और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। सबों को अपने अपने कार्य स्थल पर दिन-रात नदी की सुरक्षा में रहने के आदेश दिए गए हैं। कोसी नदी की बाढ़ से तटबंधों और स्पर को सुरक्षा के लिए पर्याप्त कटाव निरोधक सामग्रियों का भंडारण कार्य स्थलों सहित वीरपुर, सुपौल एवं निर्मली स्थित केंद्रीय भंडार में किया गया है।
साथ ही वायरलेस सेट और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बिंदुओं समेत तटबंधों पर प्रकाशीय व्यवस्था की जा रही है। अभियंता नदी भाग में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम हैं। इस बार सरकार के स्तर से दोनों प्रभाग के लिए सेवानिवृत्त विशेषज्ञ अभियंताओं को ट्रिपल एफ के अध्यक्ष के रूप में नेपाल प्रभाग एक, भारतीय प्रभाग के पूर्वी तटबंध के लिए दो एवं पश्चिमी तटबंध के लिए एक कुल चार अध्यक्षों को सहयोगी के रूप में जेई से लेकर कार्यपालक अभियंताओं को लगाया गया है।
उपरोक्त बातें मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण, वीरपुर ई मनोज रमन ने देते हुए कही।कोरोना महामारी के दौर में जहां नेपाल प्रभाग में इस बार आवागमन में काफी ढील है वहीं भारतीय प्रभाग में सामान्य निर्देशों को अमल में रखते हुए कोसी नदी के दोनों प्रभाग में घोषित बाढ़ अवधि काम करना आरंभ कर दिया। बाढ़ अवधि में बाढ़ के कटाव व दबाव से बांध और उसके स्परों के बचाव के लिए पर्याप्त सामग्रियों का भंडारण दोनों प्रभाग में किया जा चुका है। साथ ही होमगार्ड व नेपाल पुलिस के ठहराव के लिए झोपड़ियों का निर्माण कराया जा रहा है।
बाढ़ सुरक्षा को लेकर नेपाल प्रभाग में खाली सीमेंट की बोरियां, नायलॉन क्रेट्स, जिओ बैग, मेगा जिओ बैग, बोल्डर, बीए क्रेट्स सहित परकोपाईन आदि एवं भारतीय प्रभाग के लिए खाली सीमेंट की बोरी, नायलॉन क्रेट्स, जिओ बैग, मेगा जिओ बैग, बोल्डर बीए क्रेट्स के अलावा परकोपाईन आदि का पर्याप्त भंडारण दोनों प्रभाग के बांधों पर किया गया है। इसके साथ ही शीर्ष कार्य प्रमंडल वीरपुर, पूर्वी तटबंध प्रमंडल सुपौल एवं पश्चिमी तटबंध प्रमंडल निर्मली स्थित सेंट्रल स्टोर में भी भंडारण है। जिसे जरूरत और संवेदनशीलता के हिसाब से उठाव किया जाना होगा। दोनों प्रभाग के बांध और स्पर,कैंपों, हवामहल आदि जगहों पर जेनरेटर के माध्यम से प्रकाशीय व्यवस्था की जा रही है। मोबाइल एम्बुलेंस भी मौके पर मौजूद रहेगी।
कोसी नदी का पहला जलश्राव मापने वाले महत्वपूर्ण स्थल बराह क्षेत्र, पुलठैगौड़ा,चकरघट्टी, हवामहल, कुसहा डाऊन स्ट्रीम, कोसी बराज, निर्मली, जमालपुर, कोपड़िया,चांद्रायण, सुपौल,सहरसा, भपटियाही, डीएम कार्यालय सुपौल,मुख्य अभियंता कार्यालय वीरपुर तथा मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता बराज अंचल के सरकारी वाहन में वितन्तु चौबीसों घंटे काम करेंगे। इसके अलावा बाढ़ अवधि के दौरान भी जरूरत के हिसाब से सामग्रियों को मंगाने की व्यवस्था की जाती है।
वैसे बाढ़ अवधि में जलश्राव की आक्रामकता से कटाव रोकने के नए तकनीकों भी इस्तेमाल किया जाता है।कोसी के दोनों प्रभाग में तटबंधों की सुरक्षा में अभियंता और कर्मी पालियों में चौबीस घंटे निगरानी करने हेतु अपने अपने प्रभार वाले कार्य स्थलों पर डटे रहेंगे। बाढ़ अवधि के दौरान सभी तरह की छुट्टियां रद्द रहेंगी। दोनों प्रभाग में शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजर सहित दोनों तरफ के कोरोना को लेकर जारी दिशा निर्देशों का पालन सख्ती के साथ करने को निर्देशित किया गया है ताकि कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।
सारस न्युज टीम, सुपौल।
कोसी नदी के लिए निर्धारित 15 जून से बाढ़ अवधि के तहत पूरा विभागीय सिस्टम ऑन हो गया है। सभी तरह की निर्धारित व्यवस्था 15 जून से काम करना शुरू कर चुकी हैं। जो 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी। कोसी के नेपाल एवं भारतीय प्रभाग में पदस्थापित सभी स्तर के अभियंताओं और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। सबों को अपने अपने कार्य स्थल पर दिन-रात नदी की सुरक्षा में रहने के आदेश दिए गए हैं। कोसी नदी की बाढ़ से तटबंधों और स्पर को सुरक्षा के लिए पर्याप्त कटाव निरोधक सामग्रियों का भंडारण कार्य स्थलों सहित वीरपुर, सुपौल एवं निर्मली स्थित केंद्रीय भंडार में किया गया है।
साथ ही वायरलेस सेट और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बिंदुओं समेत तटबंधों पर प्रकाशीय व्यवस्था की जा रही है। अभियंता नदी भाग में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम हैं। इस बार सरकार के स्तर से दोनों प्रभाग के लिए सेवानिवृत्त विशेषज्ञ अभियंताओं को ट्रिपल एफ के अध्यक्ष के रूप में नेपाल प्रभाग एक, भारतीय प्रभाग के पूर्वी तटबंध के लिए दो एवं पश्चिमी तटबंध के लिए एक कुल चार अध्यक्षों को सहयोगी के रूप में जेई से लेकर कार्यपालक अभियंताओं को लगाया गया है।
उपरोक्त बातें मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण, वीरपुर ई मनोज रमन ने देते हुए कही।कोरोना महामारी के दौर में जहां नेपाल प्रभाग में इस बार आवागमन में काफी ढील है वहीं भारतीय प्रभाग में सामान्य निर्देशों को अमल में रखते हुए कोसी नदी के दोनों प्रभाग में घोषित बाढ़ अवधि काम करना आरंभ कर दिया। बाढ़ अवधि में बाढ़ के कटाव व दबाव से बांध और उसके स्परों के बचाव के लिए पर्याप्त सामग्रियों का भंडारण दोनों प्रभाग में किया जा चुका है। साथ ही होमगार्ड व नेपाल पुलिस के ठहराव के लिए झोपड़ियों का निर्माण कराया जा रहा है।
बाढ़ सुरक्षा को लेकर नेपाल प्रभाग में खाली सीमेंट की बोरियां, नायलॉन क्रेट्स, जिओ बैग, मेगा जिओ बैग, बोल्डर, बीए क्रेट्स सहित परकोपाईन आदि एवं भारतीय प्रभाग के लिए खाली सीमेंट की बोरी, नायलॉन क्रेट्स, जिओ बैग, मेगा जिओ बैग, बोल्डर बीए क्रेट्स के अलावा परकोपाईन आदि का पर्याप्त भंडारण दोनों प्रभाग के बांधों पर किया गया है। इसके साथ ही शीर्ष कार्य प्रमंडल वीरपुर, पूर्वी तटबंध प्रमंडल सुपौल एवं पश्चिमी तटबंध प्रमंडल निर्मली स्थित सेंट्रल स्टोर में भी भंडारण है। जिसे जरूरत और संवेदनशीलता के हिसाब से उठाव किया जाना होगा। दोनों प्रभाग के बांध और स्पर,कैंपों, हवामहल आदि जगहों पर जेनरेटर के माध्यम से प्रकाशीय व्यवस्था की जा रही है। मोबाइल एम्बुलेंस भी मौके पर मौजूद रहेगी।
कोसी नदी का पहला जलश्राव मापने वाले महत्वपूर्ण स्थल बराह क्षेत्र, पुलठैगौड़ा,चकरघट्टी, हवामहल, कुसहा डाऊन स्ट्रीम, कोसी बराज, निर्मली, जमालपुर, कोपड़िया,चांद्रायण, सुपौल,सहरसा, भपटियाही, डीएम कार्यालय सुपौल,मुख्य अभियंता कार्यालय वीरपुर तथा मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता बराज अंचल के सरकारी वाहन में वितन्तु चौबीसों घंटे काम करेंगे। इसके अलावा बाढ़ अवधि के दौरान भी जरूरत के हिसाब से सामग्रियों को मंगाने की व्यवस्था की जाती है।
वैसे बाढ़ अवधि में जलश्राव की आक्रामकता से कटाव रोकने के नए तकनीकों भी इस्तेमाल किया जाता है।कोसी के दोनों प्रभाग में तटबंधों की सुरक्षा में अभियंता और कर्मी पालियों में चौबीस घंटे निगरानी करने हेतु अपने अपने प्रभार वाले कार्य स्थलों पर डटे रहेंगे। बाढ़ अवधि के दौरान सभी तरह की छुट्टियां रद्द रहेंगी। दोनों प्रभाग में शारीरिक दूरी, मास्क, सैनिटाइजर सहित दोनों तरफ के कोरोना को लेकर जारी दिशा निर्देशों का पालन सख्ती के साथ करने को निर्देशित किया गया है ताकि कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।