विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत-नेपाल सीमा के गलगलिया मेची नदी में छठ व्रतियों द्वारा सोमवार की सुबह एक साथ उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पित करने के साथ लोक आस्था का महापर्व संपन्न हो गया। गलगलिया मेची नदी में इस दौरान हजारों की संख्या में दोनों देश के छठव्रती व श्रद्धालु मौजूद थे। भारतीय क्षेत्र के भातगाँव, घोष पाड़ा, दरभंगिया टोला, डेंगूजोत, देवीगंज सहित नेपाल के भद्रपुर नगरपालिका, घोड़ामारा, चंद्रगढ़ी आदि से छठ व्रतियों द्वारा छठ मैया की पूजा-अर्चना तथा अपार भक्ति के साथ ही रविवार को डुबते सूर्य व सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ देकर मनाया गया। छठव्रती संतान और जीवन के प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की उपासना कर। 36 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला व्रत रखकर छठी मैया का आर्शीवाद के लिए कठिन उपक्रम करते हैं।
नहाय खाय से शुरू हुआ यह पर्व सोमवार तक काफी रंगत में दिखा। साहनी टोला व नीचान बस्ती के नदी के घाटों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भी़ड देखी गई। संगीत और भक्ति पूर्ण गीतों से वातावरण भक्ति के सागर में डूब गया था। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने बांस से बने टोकरी और सूप में नारियल, मेवा, हल्दी, ठेकुआ और अन्य पूजा सामग्रियां विशेष रूप से शोभित हो रही थीं। वहीँ भद्रपुर नेपाल के छठ पूजा कमिटी व नगरपालिका के प्रयासों से सारी रात घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ- साथ बिजली, जगह-जगह मुफ़्त चिकित्सा शिविर, चाय का स्टॉल, गर्म पानी, शर्बत व माईकिंग की व्यवस्था हर साल की तरह इस बार भी कराइ गई थी।सीमा पर इतने भारी भीड़ की सुरक्षा के लिए दोनों देश के सुरक्षा एजेंसियां छठ घाटों के चप्पे-चप्पे पर तैनात देखे गए। दोनों ही देश के सुरक्षा एजेंसी सतर्क थे ताकि भारत-नेपाल विरोधी तत्वों तथा तस्करों द्वारा की गई गतिविधि को नाकाम की जा सके। स्थानीय प्रशासन को भी घाटों के इर्द गिर्द घूमते देखा गया। गलगलिया थानाध्यक्ष राहुल कुमार खुद सुरक्षा की कमान संभाले हुए घाटों के इर्द गिर्द घूमते देखे गए। किसी भी घटना से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी।