पूर्णियां शहर आस पास फैले करीब 8 – 9 जिलों (पूर्णियां, कटिहार, किशनगंज, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया, भागलपुर आदि) के लगभग केंद्र में अवस्थित है। उक्त जिलों से पूर्णियां फोर लेन, नेशनल हाईवे, ट्रेन तथा स्टेट हाईवे से जुड़ा हुआ है। डेढ़ – दो – ढाई घंटे में इन जिलों से पूर्णियां आसानी से पहुंचा जा सकता है। आबादी के लिहाज से देखें तो इसका कैचमेंट एरिया लगभग ढाई – तीन करोड़ आबादी को कवर करता है। ऐसी परिस्थिति में सरकार से मेरी विशेष अपील है कि वह पूर्णियां शहर को शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, मनोरंजन तथा अन्य क्षेत्रों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में डेवलप करे। खासकर माननीय शहरी विकास मंत्री तेजस्वी यादव से आग्रह है कि इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल के बैठकों में गंभीरतपूर्वक विचार विमर्श कर कुछ ठोस व सार्थक निर्णय लेकर योजनाबद्ध तरीके से रचनात्मक कदम आगे बढ़ाएं। इसके लिए हमारी समझ है कि कुछ कदम इस दिशा में उठाए जाएं। पूर्णियां में एआईआईएमएस या उस स्तर के अस्पताल का निर्माण किया जाए। पूर्णियां विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जाए (दोनों अकादमिक और इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर)। शहर और आस पास के सभी सरकारी विद्यालयों (प्राइमरी, मिडिल, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक को भी शानदार स्तर पर विकसित किया जाए। एक राष्ट्रीय स्तर का खेल परिसर बनाया जाए। एक ऐसा परिसर बने जिसमें शानदार लाइब्रेरी हो, आर्ट गैलरी हो, थियेटर हो, वाचनालय हो, सेमिनार हाल्स हो आदि। शहर के आसपास के खाली भूमि को चिन्हित कर उसे मॉडर्न अर्बन डेवलपमेंट प्लानिंग के तहत विकसित किया जाए। एयरपोर्ट का निर्माण सुनिश्चित हो। सम्पूर्ण शहर के डेवलपमेंट का नए तरीके से वृहत्तर रोड मैप बने और उस पर काम हो। शहर और आस पास को दीर्घकालिक रूप से ग्रीन मॉडर्न सिटी के रूप में डेवलप किया जाए। गुलाब बाग मंडी को और सुदृढ़ बनाया जाए। आसपास कृषिं आधारित उद्योगों का योजनाबद्ध तरीके से विकास हो।
यदि ऐसा होता है तो इसके कई दीर्घकालिक लाभ होंगे और यह सीमांचल तथा कोसी की बहुत बड़ी आबादी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसका दोहरा लाभ है- उक्त क्षेत्र के करोड़ों लोगों को तो प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा साथ ही साथ ही पटना के ऊपर जो विशेष दबाव पड़ता है उसमे भी अप्रत्यक्ष कटौती होगी ।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, पूर्णिया।
पूर्णियां शहर आस पास फैले करीब 8 – 9 जिलों (पूर्णियां, कटिहार, किशनगंज, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया, भागलपुर आदि) के लगभग केंद्र में अवस्थित है। उक्त जिलों से पूर्णियां फोर लेन, नेशनल हाईवे, ट्रेन तथा स्टेट हाईवे से जुड़ा हुआ है। डेढ़ – दो – ढाई घंटे में इन जिलों से पूर्णियां आसानी से पहुंचा जा सकता है। आबादी के लिहाज से देखें तो इसका कैचमेंट एरिया लगभग ढाई – तीन करोड़ आबादी को कवर करता है। ऐसी परिस्थिति में सरकार से मेरी विशेष अपील है कि वह पूर्णियां शहर को शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, मनोरंजन तथा अन्य क्षेत्रों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में डेवलप करे। खासकर माननीय शहरी विकास मंत्री तेजस्वी यादव से आग्रह है कि इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल के बैठकों में गंभीरतपूर्वक विचार विमर्श कर कुछ ठोस व सार्थक निर्णय लेकर योजनाबद्ध तरीके से रचनात्मक कदम आगे बढ़ाएं। इसके लिए हमारी समझ है कि कुछ कदम इस दिशा में उठाए जाएं। पूर्णियां में एआईआईएमएस या उस स्तर के अस्पताल का निर्माण किया जाए। पूर्णियां विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जाए (दोनों अकादमिक और इंफ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर)। शहर और आस पास के सभी सरकारी विद्यालयों (प्राइमरी, मिडिल, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक को भी शानदार स्तर पर विकसित किया जाए। एक राष्ट्रीय स्तर का खेल परिसर बनाया जाए। एक ऐसा परिसर बने जिसमें शानदार लाइब्रेरी हो, आर्ट गैलरी हो, थियेटर हो, वाचनालय हो, सेमिनार हाल्स हो आदि। शहर के आसपास के खाली भूमि को चिन्हित कर उसे मॉडर्न अर्बन डेवलपमेंट प्लानिंग के तहत विकसित किया जाए। एयरपोर्ट का निर्माण सुनिश्चित हो। सम्पूर्ण शहर के डेवलपमेंट का नए तरीके से वृहत्तर रोड मैप बने और उस पर काम हो। शहर और आस पास को दीर्घकालिक रूप से ग्रीन मॉडर्न सिटी के रूप में डेवलप किया जाए। गुलाब बाग मंडी को और सुदृढ़ बनाया जाए। आसपास कृषिं आधारित उद्योगों का योजनाबद्ध तरीके से विकास हो।
यदि ऐसा होता है तो इसके कई दीर्घकालिक लाभ होंगे और यह सीमांचल तथा कोसी की बहुत बड़ी आबादी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसका दोहरा लाभ है- उक्त क्षेत्र के करोड़ों लोगों को तो प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा साथ ही साथ ही पटना के ऊपर जो विशेष दबाव पड़ता है उसमे भी अप्रत्यक्ष कटौती होगी ।
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