बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ लगातार सुर्खियों में है। यात्रा के आठवें दिन पूर्णिया में दोनों नेताओं ने मोटरसाइकिल पर सफर किया, जिससे स्थानीय लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
यात्रा के दौरान जब काफ़िला कुरसेला पहुँचा तो राहुल गांधी ने अचानक कार्यक्रम से अलग होते हुए सिमरिया के मशहूर मखाना खेतों का दौरा किया। यहां उन्होंने किसानों से बातचीत की और खेती की प्रक्रिया, उत्पादन तथा निर्यात की संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी ली।
किसानों ने अपनी परेशानियां साझा करते हुए बताया कि बिचौलियों की पकड़ और उचित दाम न मिलने की वजह से उन्हें घाटा झेलना पड़ता है। राहुल गांधी ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि जहां स्थानीय स्तर पर मखाना लगभग 700 रुपये किलो बिकता है, वहीं विदेशों—खासकर अमेरिका—में इसकी कीमत कई गुना ज्यादा है। उन्होंने किसानों को सरकारी संरक्षण से वंचित बताकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी यही मुद्दा उठाते हुए कहा कि मखाना और मछली पालन की वैश्विक मांग बढ़ रही है, लेकिन किसानों और मछुआरों को अब भी बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है और उन्हें वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्यों निकली ‘वोट अधिकार यात्रा’?
राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत लोकतंत्र के मूल अधिकार—मतदान के अधिकार—को बचाने के संदेश के साथ की है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है।
करीब 1,300 किलोमीटर लंबी यह पदयात्रा बिहार के 20 से अधिक जिलों से गुजर रही है। विपक्ष का कहना है कि गरीबों, अल्पसंख्यकों और प्रवासी मजदूरों के नाम सूची से हटाकर ‘मत चोरी’ की नई साजिश रची जा रही है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ लगातार सुर्खियों में है। यात्रा के आठवें दिन पूर्णिया में दोनों नेताओं ने मोटरसाइकिल पर सफर किया, जिससे स्थानीय लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
यात्रा के दौरान जब काफ़िला कुरसेला पहुँचा तो राहुल गांधी ने अचानक कार्यक्रम से अलग होते हुए सिमरिया के मशहूर मखाना खेतों का दौरा किया। यहां उन्होंने किसानों से बातचीत की और खेती की प्रक्रिया, उत्पादन तथा निर्यात की संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी ली।
किसानों ने अपनी परेशानियां साझा करते हुए बताया कि बिचौलियों की पकड़ और उचित दाम न मिलने की वजह से उन्हें घाटा झेलना पड़ता है। राहुल गांधी ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि जहां स्थानीय स्तर पर मखाना लगभग 700 रुपये किलो बिकता है, वहीं विदेशों—खासकर अमेरिका—में इसकी कीमत कई गुना ज्यादा है। उन्होंने किसानों को सरकारी संरक्षण से वंचित बताकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी यही मुद्दा उठाते हुए कहा कि मखाना और मछली पालन की वैश्विक मांग बढ़ रही है, लेकिन किसानों और मछुआरों को अब भी बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है और उन्हें वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्यों निकली ‘वोट अधिकार यात्रा’?
राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत लोकतंत्र के मूल अधिकार—मतदान के अधिकार—को बचाने के संदेश के साथ की है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है।
करीब 1,300 किलोमीटर लंबी यह पदयात्रा बिहार के 20 से अधिक जिलों से गुजर रही है। विपक्ष का कहना है कि गरीबों, अल्पसंख्यकों और प्रवासी मजदूरों के नाम सूची से हटाकर ‘मत चोरी’ की नई साजिश रची जा रही है।
Leave a Reply