बिंदु अग्रवाल की कविता #85 (शीर्षक- “नशा: मज़ा या सज़ा”)
Post Views: 549 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। नशे के गर्त में डूब रही है,आज की युवा पीढ़ी।कर्णधार कहलाते देश के,विकास की है जो सीढ़ी। नशे की कालाबाजारी का,धूवाँ घर-घर फैला।तन…
बिंदु अग्रवाल की कविता #84 ( शीर्षक- रूठी क्यों दुखहरणी माता)।
Post Views: 237 सारस न्यूज, वेब डेस्क। रूठी क्यों दुखहरणी माता रूठी क्यों दुखहरणी माताकैसे मैं तुझे मानाऊँ?कैसी विकट प्रतीक्षा की हैकैसे मैं तुझे बताऊँ? न जानूँ मैं जप तप…
बिंदु अग्रवाल की कविता #83 ( शीर्षक- ना बाँटो राम-रहीम को)।
Post Views: 218 सारस न्यूज, वेब डेस्क। ना बाँटो राम-रहीम को ना बाँटो राम-रहीम कोना बाँटो कृष्ण-करीम को,ना जात-पात, और नाम धर्म के,मत बाँटो इस “जमीन” को। सूरज ने किरणें…
बिंदु अग्रवाल की कविता #82 ( शीर्षक-हिंदी हमारी शान है)।
Post Views: 165 सारस न्यूज, वेब डेस्क। हिन्दी हमारी शान हैहमारे देश का यह मान है,प्रेम सुधा रस पान करातीभारत का गौरव गान है। हिन्दी बोली बड़ी निराली,कानों में रस…
बिंदु अग्रवाल की कविता #81 ( शीर्षक- मेरा बिहार)।
Post Views: 393 सारस न्यूज़, किशनगंज। यह बिहार की पावन भूमि,दामन भारत माँ का है।करुणा बोध मिली जग को,यह वरदान यहाँ का है। भूमि वीर कुंवर सिंह कि यह,विश्वामित्र का…
बिंदु अग्रवाल की कविता #80 (शीर्षक – मैं पिता बन गया हूँ)।
Post Views: 140 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। छोड़ दी हैं मैंने सारी अठखेलियाँक्योंकि अब मैं पिता बन गया हूँ।अब मैं पिता को नखरे नहीं दिखाता,क्योंकि अब मैं पिता बन गया…
बिंदु अग्रवाल की कविता #79 (शीर्षक – हाँ मैं मजदूर हूँ)।
Post Views: 1,005 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। हाँ.. मैं मजदूर हूँआधार स्तम्भ हु देश का,अर्थव्यवस्था की नींव हुहाँ मैं मजदूर हु। जेठ की चिलचिलाती धूप हो,या हो सावन की बौछार।पत्थरों…
बिंदु अग्रवाल की कविता #78 (शीर्षक: आत्म शक्ति)।
Post Views: 1,130 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। आत्म शक्ति है तुझ में धैर्य हिमालय साहै तुझ में शक्ति धरा सी प्रबल ।है शीतलता तुझ में चंदा सीहै तेज तुममें दिनकर…
बिंदु अग्रवाल की कविता #52 (शीर्षक:- तुम्हें जाने दिया)।
Post Views: 1,405 सारस न्यूज, वेब डेस्क। तुम चले गए मुझे छोड़कर,या यूं कहूं कि मैंने तुम्हें जाने दिया।तुम्हारे चले जाने में और मेरे जाने देने में,शायद दोनों की मर्जी…
बिंदु अग्रवाल की कविता #77 (शीर्षक:-तुम्हारी गलियां…)
Post Views: 1,283 तुम्हारी गलियां आज बरसों बाद अचानकउस रास्ते से गुजरी हूं…मुझे मालूम है तुम वहां नहीं हो..तुम्हें वह गली छोड़े ना जाने,कितने ही दिन गुजर गए …अब तो…
बिंदु अग्रवाल की कविता #76 (शीर्षक:-तुम्हारी यादें…)
Post Views: 542 तुम्हारी यादें आज बरसों बाद अचानकउसे रस्ते से गुजरी हूं…मुझे मालूम है तुम वहां नहीं हो..तुम्हें वह गली छोड़े ना जाने,कितने ही दिन गुजर गए …अब तो…
बिंदु अग्रवाल की कविता #75 (शीर्षक:-वर दे वीणावादिनी…)
Post Views: 451 वर दे वीणावादिनी वर दे वीणावादिनी,जय माँ तू हंसवाहिनीहृदय तिमिर को मिटातू ज्योत ज्ञान की जला। अज्ञानता की कालिमा काअब ना अट्टहास हो,दैदिप्यमान हो धराप्रकाश ही प्रकाश…
