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कविता

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बिंदु अग्रवाल की कविता # 59 (शीर्षक:- क्योंकि मैं औरत हूं…)

Post Views: 278 सारस न्यूज, गलगलिया। क्योंकि मैं औरत हूं… तुम्हारा फोन बंद आ सकता है ।पर मेरा फोन बंद नहीं आ सकता ..। तुम्हारा फोन व्यस्त हो सकता है…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 58 (शीर्षक:-धन्य है इस धरती की जननी)

Post Views: 149 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। धन्य है इस धरती की जननी धन्य है इस धरती की जननी,जो जनती ऐसे लाल को।अपने लहू से तिलक लगाते,भारत माँ के भाल…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 57 (शीर्षक:- तेरी मुस्कान)

Post Views: 684 सारस न्यूज, वेब डेस्क। तेरी मुस्कान तू मेरी जिंदगी कासबसे हसीन पल है,तू ही मेरा आज औरतू ही मेरा कल है। चाहे जितनी भी हो परेशानीजिंदगी में…

प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कविता

Post Views: 231 हसरत, सारस न्यूज़, वेब डेस्क मधुशाला सर्वत्र छायी धुंधलका, और लगती रात अंधारी, मधुशाला में बैठे सब, ये कह रहे थे, ‘नमस्कार, प्यारी।’ चमकती लौ की रातें…

समय की ताकत ! बिंदु अग्रवाल की कविता #56

Post Views: 174 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। समय बड़ा बलवान जगत में,सबको यही बताता है।समय का पहिया अपने पथ पे,सदा ही चलता जाता है। समय कराता रात दिन औरधूप छाँव…

सरहद पे खड़े हैं लेकर जज्बा बलिदान का! बिंदु अग्रवाल की कविता #55

Post Views: 228 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। सरहद पे खड़े हैं लेकर जज्बा बलिदान का।देश की आन पे करते हैं खुद को यूँ कुर्बान देखिए।। न आँधी की परवाह न…

“हाँ ! मैं किसान हूँ।” बिंदु अग्रवाल की कविता #54

Post Views: 329 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। हाँ मैं किसान हूँआधार स्तम्भ हूँ देश कावसुन्धरा की जान हूँ,हाँ! मैं किसान हूँ… मेरुदण्ड हूँ मैं देश का,नीव की मैं ईंट हूँ।अपने…

खामोशियां सुना करेंगे! बिंदु अग्रवाल की कविता #53

Post Views: 217 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। कांधे पे सर रख खामोशियां सुना करेंगेहम भी कुछ अधूरे सपने यूं बुना करेगे। हो अंधेरे चाहे कितने भी गहरे दिल मेंतेरी यादों…

“खामोशियां सुना करेंगे” बिंदु अग्रवाल की कविता #52

Post Views: 206 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। कांधे पे सर रख खामोशियां सुना करेंगेहम भी कुछ अधूरे सपने यूं बुना करेगे। हो अंधेरे चाहे कितने भी गहरे दिल मेंतेरी यादों…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 51 (शीर्षक:- अधूरे ख्वाब सी जिंदगी)।

Post Views: 339 सारस न्यूज, वेब डेस्क। अधूरे ख्वाब सी जिंदगी कभी उगते सूरज सा एहसासकभी ढलती शाम सी है जिंदगी । कभी भटकती राहेंकभी एक मुकाम सी है जिंदगी।…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 50

Post Views: 358 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। जिसके बिना असंभव है सृष्टि का संवरना,जिसके बिना असंभव हैं जीवन का निखरना।जिसके बिना अधूरा है जीवन का हर राग,जिसके दम पर ही…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 49 (शीर्षक:- प्रेम)।

Post Views: 361 सारस न्यूज, वेब डेस्क। प्रेम प्रेम भाव है प्रेम प्रतिज्ञाप्रेम जीवन का गहना है,बड़ा अनूठा अनुपम दिखताजिसने इसको पहना है। प्रेम से मिटते द्वेष भाव सबकलह क्लेश…