Post Views: 443 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। कविता बन जाती है… मैं नही लिखती..लिखाई मुझे कबरास आती है…?जब…
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Post Views: 443 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। कविता बन जाती है… मैं नही लिखती..लिखाई मुझे कबरास आती है…?जब…
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Post Views: 372 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। बदलना जरूरी है वक्त के साथ बदलना जरूरी हैपर बदल कर…
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Post Views: 501 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। धीरे-धीरे भूलना हमें भूल जाओ तुम हमेंयह तुम्हारे दिल की बात…
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Post Views: 286 विजय गुप्ता, सारस न्यूज़, गलगलिया। आओ हम मनमीत लिखेंकुछ नये वर्ष के गीत लिखें।कुछ घाव लिखें बीते…
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Post Views: 200 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। बदलते एहसास चारों ओर बसदुश्मनी का मंजर है,हर किसी के हाथ…
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Post Views: 230 सारस न्यूज, गलगलिया, किशनगंज। कभी धूप लिखी ,कभी छांव लिखाकभी अंतरमन का भाव लिखा।कभी हँसी,ठिठोली , गीत…
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Post Views: 385 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। मैं नारी हूँ नारी हूँ मैं, नारी हूँजब अपनी जिद पे…
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Post Views: 289 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। धरती पुत्र आज मैंने कोई प्रेम का गीत नही लिखाआज मैंने…
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Post Views: 406 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। सुनो पथिक हो पंथ पथरीला, सुनो पथिक!तुम रुक ना जाना राहों…
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Post Views: 507 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। भाग्य के भरोसे यूं रोना अपने भाग्य का रोते रहोगे कब…
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Post Views: 413 सारस न्यूज, गलगलिया, किशनगंज। मैं नही लिखती..लिखाई मुझे कबरास आती है…?जब भी उमड़ता हैकोई भाव मेरे अंदरमेरी…
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Post Views: 320 विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। रूठी क्यों दुखहरणी माताकैसे मैं तुझे मनाऊं?कैसी विकट प्रतीक्षा की हैकैसे मैं…
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