चंद्रघण्टा ( माँ का तीसरा रूप) – इस रूप में माँ शेर की सवारी करती हैं; जो अंदर की शक्ति है, जिस पर आरूढ रहना है। शेर कोई बाह्य जानवर नहीं है, अंदर का बल है जिसे नियंत्रित करना है।
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