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बिंदु अग्रवाल

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बिंदु अग्रवाल की कविता # 65 (शीर्षक:-बाकी है…)

Post Views: 491 बाकी है दिल में मेरे जख्मों के निशान अभी बाकी है ।ठहर जाओ जिस्म में मेरी जान अभी बाकी है।। रूठने के तो बहाने बहुत है जिंदगी…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 64 (शीर्षक:-हे जग के पालनहार प्रभु…)

Post Views: 248 हे जग के पालनहार प्रभु ! हे जग के पालनहार प्रभु!सुन लो करुण पुकार प्रभु।जग करता त्राहिमाम प्रभु ,है कष्ट में हर इंसान प्रभु।हे जग के पालनहार…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 63 (शीर्षक:-भीगते एहसास…)

Post Views: 428 भीगते एहसास वह जो प्रेम था तुम्हारा मेरे लिएक्या वह सच था या मेरे दिल का भुलावावह जो तड़प थी मुझे नजर भर देखने कीहकीकत थी या…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 62 (शीर्षक:-बधाई नहीं दोगे…)

Post Views: 279 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। बधाई नहीं दोगे?? ना तुम मिले ना तुम्हारी तस्वीर दुहाई नहीं दोगेमेरी तरसती हुई निगाहों को बधाई नहीं दोगे ..? अधूरा रह गया…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 61 (शीर्षक:-मेरे श्याम सांवरे…)

Post Views: 215 सारस न्यूज़, वेब डेस्क। मेरे श्याम सांवरे हमें तुमसे है मोहब्बतमेरे श्याम संवारे,लेते हैं तेरा नाम हमअविराम संवारे। आओ हमारे घर कभीमाखन चुराने तुम,आओ हमारे घर कभीमुरली…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 60 (शीर्षक:- मैं राधा बन जाऊं…)

Post Views: 309 सारस न्यूज, गलगलिया। मैं राधा बन जाऊं कान्हा कान्हा मैं करूँमैं राधा बन जाऊँ,कान्हा मेरा सांवराकान्हा संग प्रीत लगाऊँ। कान्हा तेरे होठों कीमैं मुरली बन जाऊँ,तेरे संग…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 43 (शीर्षक:- सिर्फ तुम्हें ही चाहेंगे)।

Post Views: 350 विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। सिर्फ तुम्हें ही चाहेंगे आवाज ना देना कभी हमें,हम लौट के ना आएंगे।पर यकीन है हमें, जहाँ भी रहें,हम सिर्फ तुम्हें…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 25 (यह देश है उन मतवालों का)

Post Views: 456 विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। यह देश है उन मतवालों का यह देश है उन रखवालों काआजादी के मतवालों का,रखने को शान तिरंगे कीजिन लोगों ने जान…

बिंदु अग्रवाल की कविता # 24 (नवभारत का निर्माण करें)

Post Views: 442 विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। नव भारत का निर्माण करें आओ भारतवासी मिल करज़न-ज़न का आह्वान करें,नव गति, नव लय, गीत नया होनव भारत का निर्माण करें।…

बिंदु अग्रवाल की कविता #18 (मजदूर की मजबूरी)

Post Views: 1,332 विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया। वो चल पड़ा अपने कर्म के पथ परलिए अपने हुनर का नूर,अपने घर परिवार से दूरकिसी अनजान के बीच सुदूर। किसी शहर…