सारस न्यूज, वेब डेस्क।
आज इतिहास के पन्नों में दर्ज एक ऐतिहासिक दिन है, जब अफ्रीकी महाद्वीप के मध्य में स्थित कांगो गणराज्य (Republic of the Congo) ने फ्रांस की उपनिवेशवादी पकड़ से स्वतंत्रता प्राप्त की। 15 अगस्त 1960 को कांगो की जनता ने आज़ादी की सांस ली और अपने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में एक नई पहचान बनाई।
दशकों तक फ्रांसीसी शासन के अधीन रहने के बाद, स्वतंत्रता की यह प्राप्ति अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलन की एक बड़ी उपलब्धि मानी गई। कांगो के नागरिकों के संघर्ष, आत्मबल और एकता ने यह सिद्ध कर दिया कि उपनिवेशवाद की जंजीरें तोड़ी जा सकती हैं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ब्राज़ाविल में भव्य समारोह आयोजित किए गए, जिसमें हजारों लोग सड़कों पर उतरे। राष्ट्रगान गूंजा, झंडा फहराया गया और कांगोवासियों की आंखों में आज़ादी की चमक साफ दिखाई दी।
कांगो गणराज्य की स्वतंत्रता न केवल देश के नागरिकों के लिए, बल्कि सम्पूर्ण अफ्रीका के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। इसने अन्य अफ्रीकी देशों को भी उपनिवेशवाद के खिलाफ आवाज़ उठाने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने का हौसला दिया।
आज, इस ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए हम कांगो गणराज्य के उन वीरों को नमन करते हैं जिन्होंने आज़ादी के इस संघर्ष में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।