सारस न्यूज, वेब डेस्क।
प्रथम विश्व युद्ध के घमासान संघर्ष के बीच आज इतिहास ने एक अहम मोड़ लिया, जब जर्मन सेना ने पूर्वी मोर्चे पर बड़ी विजय प्राप्त करते हुए पोलैंड की राजधानी वारसॉ पर कब्जा कर लिया। यह जर्मनी के लिए एक रणनीतिक जीत मानी जा रही है, जिसने रूस की सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
रूसी सेना लंबे समय से वारसॉ की रक्षा कर रही थी, लेकिन जर्मन सेना की संगठित रणनीति और जबरदस्त गोलाबारी के आगे उन्हें पीछे हटना पड़ा। यह घटना न केवल पूर्वी यूरोप के सैन्य संतुलन को बदलने वाली है, बल्कि रूस के मनोबल पर भी गहरा असर डाल सकती है।
इस विजय के साथ ही जर्मनी ने पूर्वी मोर्चे पर निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है। युद्ध विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रूसी साम्राज्य को पीछे धकेलने और मध्य यूरोप में जर्मन प्रभाव बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
हालांकि इस सैन्य सफलता की कीमत भी चुकानी पड़ी है। दोनों पक्षों को भारी जनहानि का सामना करना पड़ा है और वारसॉ की सड़कों पर युद्ध के निशान साफ देखे जा सकते हैं। स्थानीय नागरिकों के लिए यह समय अत्यंत अस्थिर और भयावह बना।