सारस न्यूज, वेब डेस्क।
आज ही के दिन, यानी 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर इतिहास के पहले परमाणु बम का प्रयोग किया। यह बम, जिसे “लिटिल बॉय” कहा गया, शहर पर गिरने के तुरंत बाद ही भारी विनाश और मृत्यु का कारण बना।
हिरोशिमा में इस हमले के परिणामस्वरूप अनुमानित 1,40,000 लोग मारे गए और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हुए। बम का विस्फोट शहर के केंद्र में इतना भयंकर था कि अधिकांश भवन ध्वस्त हो गए और लोग क्षत-विक्षत हो गए।
परमाणु बम के इस भयानक हमले ने न केवल हिरोशिमा बल्कि पूरी दुनिया को परमाणु युद्ध के खतरों की चेतावनी दी। आज, 6 अगस्त को हिरोशिमा और दुनिया भर में शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि भविष्य में ऐसे विनाशकारी हथियारों का इस्तेमाल न हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिरोशिमा और नागासाकी के बम हमले ने द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने में भूमिका निभाई, लेकिन इसके मानवीय और नैतिक परिणाम आज भी इतिहास और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक गंभीर सबक के रूप में देखे जाते हैं।
हर साल इस दिन को याद कर लोग शांति और सहिष्णुता का संदेश देते हैं। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि मानवता और इंसानियत सबसे बड़ी ताकत है, और युद्ध के विनाशकारी असर से सबक लेना जरूरी है।