ईरान के दक्षिण-पश्चिमी शहर अबादान में 19 अगस्त 1978 को एक भयंकर त्रासदी घटी, जब “सिनेमा रेक्स” नामक एक थिएटर में भीषण आग लग गई। इस दिल दहला देने वाली घटना में 422 लोगों की जलकर मौत हो गई, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह घटना ईरान के इतिहास की सबसे भयावह आगजनी में से एक मानी जाती है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब सिनेमा हॉल में फिल्म दिखाई जा रही थी, तभी अचानक दरवाजे बंद कर दिए गए और किसी ने इमारत में आग लगा दी। भीतर मौजूद सैकड़ों दर्शक फंस गए और आग की लपटों में जलकर दम तोड़ दिया। कहा जा रहा है कि हॉल के सभी आपात दरवाजों को भी बाहर से बंद कर दिया गया था।
इस दर्दनाक हादसे ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी और जल्द ही यह घटना राजनीतिक तूफान का कारण बन गई। बहुत से लोगों ने इस घटना के पीछे ईरान की तत्कालीन सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए, वहीं कुछ ने इसे सरकार के विरोधियों द्वारा रचा गया षड्यंत्र करार दिया। इस हादसे ने जनता के भीतर पहले से सुलग रहे असंतोष को और भड़काया और यही क्रोध बाद में 1979 की ईरानी क्रांति का एक प्रमुख कारण बना।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
ईरान के दक्षिण-पश्चिमी शहर अबादान में 19 अगस्त 1978 को एक भयंकर त्रासदी घटी, जब “सिनेमा रेक्स” नामक एक थिएटर में भीषण आग लग गई। इस दिल दहला देने वाली घटना में 422 लोगों की जलकर मौत हो गई, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह घटना ईरान के इतिहास की सबसे भयावह आगजनी में से एक मानी जाती है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब सिनेमा हॉल में फिल्म दिखाई जा रही थी, तभी अचानक दरवाजे बंद कर दिए गए और किसी ने इमारत में आग लगा दी। भीतर मौजूद सैकड़ों दर्शक फंस गए और आग की लपटों में जलकर दम तोड़ दिया। कहा जा रहा है कि हॉल के सभी आपात दरवाजों को भी बाहर से बंद कर दिया गया था।
इस दर्दनाक हादसे ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी और जल्द ही यह घटना राजनीतिक तूफान का कारण बन गई। बहुत से लोगों ने इस घटना के पीछे ईरान की तत्कालीन सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए, वहीं कुछ ने इसे सरकार के विरोधियों द्वारा रचा गया षड्यंत्र करार दिया। इस हादसे ने जनता के भीतर पहले से सुलग रहे असंतोष को और भड़काया और यही क्रोध बाद में 1979 की ईरानी क्रांति का एक प्रमुख कारण बना।
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