सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
15 अगस्त 636 – यरमूक की लड़ाई शुरू हुई, जिसमें मुस्लिम सेनाओं ने बीजान्टिन साम्राज्य को हराकर सीरिया पर नियंत्रण पाया।
15 अगस्त 778 – रोंसेवॉक्स दर्रे की लड़ाई में चार्लमेन की सेना के पीछे चल रहे रोलैंड को बास्क सैनिकों ने पराजित किया।
15 अगस्त 1519 – स्पेनिश विजेता पेड्रो एरियास डाविला ने पनामा सिटी की स्थापना की।
15 अगस्त 1534 – इग्नेशियस ऑफ लोयोला ने फ्रांस में जेसुइट धार्मिक संगठन की स्थापना की।
15 अगस्त 1540 – पेरू में अरेक्विपा शहर की स्थापना हुई।
15 अगस्त 1549 – संत फ्रांसिस ज़ेवियर जापान के कागोशिमा में उतरे, जिससे जापान में ईसाई धर्म का प्रचार शुरू हुआ।
15 अगस्त 1620 – मेफ्लावर जहाज इंग्लैंड के साउथहैम्पटन से अमेरिका के लिए रवाना हुआ।
15 अगस्त 1899 – हेनरी फोर्ड ने एडिसन कंपनी से इस्तीफा देकर अपनी ऑटोमोबाइल कंपनी शुरू की।
15 अगस्त 1914 – पनामा नहर का उद्घाटन हुआ, जिससे अटलांटिक और प्रशांत महासागर जुड़े।
15 अगस्त 1947 – भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और पाकिस्तान का भी गठन हुआ।
15 अगस्त 1948 – दक्षिण कोरिया की स्थापना की गई, राष्ट्रपति सिंगमन री ने इसकी घोषणा की।
15 अगस्त 1960 – कांगो गणराज्य ने फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त की।
15 अगस्त 1969 – वुडस्टॉक संगीत महोत्सव न्यूयॉर्क के बेटेल में शुरू हुआ।
15 अगस्त 1971 – बहरीन ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता की घोषणा की।
15 अगस्त 1975 – बॉलीवुड की ऐतिहासिक फिल्म शोले रिलीज़ हुई।
15 अगस्त 1998 – उत्तरी आयरलैंड के ओमाह में कार बम विस्फोट हुआ, जिसमें 29 लोग मारे गए।
15 अगस्त 2021 – तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर फिर से नियंत्रण प्राप्त किया।
Independence Day – 15 अगस्त 1947 – भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और पाकिस्तान का भी गठन हुआ।
15 अगस्त 1975 – बॉलीवुड की ऐतिहासिक फिल्म शोले रिलीज़ हुई।
शोले (1975) भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली फिल्मों में से एक मानी जाती है। यह फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुई थी और इसके बाद यह एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गई। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें:
- निर्देशक: रमेश सिप्पी
- लेखक: सलीम-जावेद (सलीम खान और जावेद अख्तर)
- निर्माता: जी. पी. सिप्पी
- संगीतकार: आर. डी. बर्मन
- छायांकन: द्वारका दिवेचा
- संपादन: एम. एस. शिंदे
- रिलीज़ तिथि: 15 अगस्त 1975
- भाषा: हिंदी
- लंबाई: 204 मिनट (मूल संस्करण)
- बजट: ₹3 करोड़
- कुल कमाई: ₹15 करोड़ (मूल रिलीज़), अनुमानित ₹350 करोड़ (मुद्रास्फीति समायोजन सहित)
📖 कहानी का सार
फिल्म की कहानी रामगढ़ नामक गाँव में घटित होती है, जहाँ एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह दो अपराधियों – जय और वीरू – को गब्बर सिंह नामक खूंखार डाकू से बदला लेने के लिए बुलाता है। यह कहानी दोस्ती, साहस, प्रेम और बलिदान की भावनाओं से भरपूर है।
प्रसिद्ध संवाद
- “कितने आदमी थे?”
- “जो डर गया, समझो मर गया।”
- “बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना।”
- “पूरे पचास हज़ार!”
- “इतना सन्नाटा क्यों है भाई?”
- शुरुआत में फिल्म को मिश्रित समीक्षाएँ मिलीं, लेकिन जल्द ही यह बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट बन गई।
- मुंबई के मिनर्वा थिएटर में यह फिल्म लगातार पाँच साल तक चली।
- इसे मसाला फिल्म शैली का आदर्श उदाहरण माना जाता है – जिसमें एक्शन, रोमांस, कॉमेडी, ड्रामा सब कुछ शामिल होता है।
- 2005 में इसे फिल्मफेयर की 50 वर्षों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।
- 2014 में इसे 3D संस्करण में फिर से रिलीज़ किया गया।
- फिल्म के संवाद आज भी आम बोलचाल, राजनीतिक भाषणों और स्टैंड-अप कॉमेडी में इस्तेमाल होते हैं।
- इसके किरदार भारतीय सामूहिक चेतना का हिस्सा बन गए हैं – जैसे बसंती, गब्बर, सांबा, सूरमा भोपाली।
- हेमा मालिनी ने हाल ही में कहा कि लोग उन्हें आज भी “बसंती” कहकर पुकारते हैं और चुनावी सभाओं में उनके संवाद सुनने आते हैं।