कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अन्तर्गत जिले के प्रत्येक प्रखंड के चयनित 100 कृषकों को केन्द्र पर दीर्घकालीन परीक्षण प्रक्षेत्र में लगे मौसम अनुकूल फसल के विभिन्न तकनीकी की जानकारी हेतु भ्रमण कराया जा रहा है। इसी निमित शनिवार को कोचाधामन प्रखंड के विभिन्न गाँवों से 100 किसानों को खगड़ा स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डा राजीव सिंह ने किया। केन्द्र के प्रधान डॉ. राजीव सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मौसम अनुकूल फसल के प्रभेदों तथा तकनीकी जो प्रत्यक्षण के रूप में केन्द्र पर प्रर्दशित किया गया उन नवीनतम तकनीकी की जानकारी लेकर किसान भाई अपनी कृषि में आय को बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल खरीफ में बोए गए फसल के विभिन्न तकनीकी के बारे में जानकारी केंद्र के द्वारा दी जाती है। इस बदलते परिवेश में किसान धान की सीधी बुआई करें, मक्का एवं गेहूँ के बुआई रेज्ड बेड तकनीक एवं जीरो टिलेज से करें। किसान अपने खेत से वर्षभर फसल लेकर अपने आय को बढ़ा सकता है। दीर्घकालीन परीक्षण प्रक्षेत्र के भ्रमण के दौरान केन्द्र के सह मुख्य अन्वेषक, जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम एवं कृषि वैज्ञानिक डा नीरज प्रकाश ने दीर्घकालीन परीक्षण प्रक्षेत्र में लगे विभिन्न तकनीकी प्रत्यक्षण जिसमे धान की सीधी बुआई, खेतों की मेडबंदी, बारी-बारी से खेतों को गीला सूखा स्थिति में रखना के बारे में जानकारी दी। धान फसल में लगने वाले कीट एवं व्याधि तथा इसके बचाव हेतु निदान भी बताया। इस कार्यक्रम में प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ननकेश कुमार ने सरकार के द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में भी कृषकों से जानकारी को साझा किया। प्रक्षेत्र में भ्रमण में डा पवन सिंह, एसआरएफ, निक्रा प्रोजेक्ट ने सहयोग दिया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अन्तर्गत जिले के प्रत्येक प्रखंड के चयनित 100 कृषकों को केन्द्र पर दीर्घकालीन परीक्षण प्रक्षेत्र में लगे मौसम अनुकूल फसल के विभिन्न तकनीकी की जानकारी हेतु भ्रमण कराया जा रहा है। इसी निमित शनिवार को कोचाधामन प्रखंड के विभिन्न गाँवों से 100 किसानों को खगड़ा स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डा राजीव सिंह ने किया। केन्द्र के प्रधान डॉ. राजीव सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मौसम अनुकूल फसल के प्रभेदों तथा तकनीकी जो प्रत्यक्षण के रूप में केन्द्र पर प्रर्दशित किया गया उन नवीनतम तकनीकी की जानकारी लेकर किसान भाई अपनी कृषि में आय को बढ़ा सकते है। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल खरीफ में बोए गए फसल के विभिन्न तकनीकी के बारे में जानकारी केंद्र के द्वारा दी जाती है। इस बदलते परिवेश में किसान धान की सीधी बुआई करें, मक्का एवं गेहूँ के बुआई रेज्ड बेड तकनीक एवं जीरो टिलेज से करें। किसान अपने खेत से वर्षभर फसल लेकर अपने आय को बढ़ा सकता है। दीर्घकालीन परीक्षण प्रक्षेत्र के भ्रमण के दौरान केन्द्र के सह मुख्य अन्वेषक, जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम एवं कृषि वैज्ञानिक डा नीरज प्रकाश ने दीर्घकालीन परीक्षण प्रक्षेत्र में लगे विभिन्न तकनीकी प्रत्यक्षण जिसमे धान की सीधी बुआई, खेतों की मेडबंदी, बारी-बारी से खेतों को गीला सूखा स्थिति में रखना के बारे में जानकारी दी। धान फसल में लगने वाले कीट एवं व्याधि तथा इसके बचाव हेतु निदान भी बताया। इस कार्यक्रम में प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ननकेश कुमार ने सरकार के द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में भी कृषकों से जानकारी को साझा किया। प्रक्षेत्र में भ्रमण में डा पवन सिंह, एसआरएफ, निक्रा प्रोजेक्ट ने सहयोग दिया।
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