पर्यावरण को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा ई-रिक्शा को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं हर जगह ई-रिक्शा की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और लोग इसकी सवारी भी पसंद कर रहे हैं। मगर सीमावर्ती क्षेत्र के गलगलिया में ई-रिक्शा चालकों की मनमानी काफी चरम पर है। नेपाल से आने वाले यात्रियों से ये मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं। मनमाना किराया नहीं देने पर यात्रियों के साथ फजीहत आम बात बनती जा रही है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार गलगलिया भातगाँव बॉर्डर से गलगलिया बाजार व रेलवे स्टेशन आने वाले नेपाल के यात्रियों से सभी ई-रिक्शा चालक 30 रुपया से 50 रुपया तक किराया वसूल करते हैं। जबकि बॉर्डर से बाजार व स्टेशन की दूरी महज डेढ़ किलोमीटर है। मनमानी किराया वसूल करने से यहाँ यात्रियों से चालक की नोकझोंक के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं। वहीं ई-रिक्शा चालकों पर समुचित कार्रवाई नहीं होने से इनकी मनमानी पर लगाम नहीं लग रही। नेपाल के यात्री भी अब बाजार आने से परहेज करने लगे हैं, जिससे नेपाल के लोगों पर निर्भर गलगलिया बाजार के दुकानदारों में भी परेशानी देखी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि ई-रिक्शा के मनमानी से नेपाल के ग्राहकों में काफी कमी आ गई है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि ई-रिक्शा चालक यात्री देखकर पैसा ऐंठ रहे हैं। किराए का निर्धारण न होने से इस तरह के ई-रिक्शा चालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है। ई-रिक्शा चालकों के मनमाने किराया वसूली को लेकर स्थानीय लोगों ने पंचायत प्रतिनिधि से किराया तालिका निर्धारण करने की मांग की है।
वहीं इस संबंध में भातगाँव पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बृजमोहन सिंह ने बताया कि किराए की मनमानी को लेकर जानकारी मिली है। पंचायत द्वारा जनहित को देख किराया तालिका निर्धारण को लेकर पहल की जाएगी।
विजय कुमार गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
पर्यावरण को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा ई-रिक्शा को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं हर जगह ई-रिक्शा की संख्या भी लगातार बढ़ रही है और लोग इसकी सवारी भी पसंद कर रहे हैं। मगर सीमावर्ती क्षेत्र के गलगलिया में ई-रिक्शा चालकों की मनमानी काफी चरम पर है। नेपाल से आने वाले यात्रियों से ये मनमाना किराया वसूल कर रहे हैं। मनमाना किराया नहीं देने पर यात्रियों के साथ फजीहत आम बात बनती जा रही है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार गलगलिया भातगाँव बॉर्डर से गलगलिया बाजार व रेलवे स्टेशन आने वाले नेपाल के यात्रियों से सभी ई-रिक्शा चालक 30 रुपया से 50 रुपया तक किराया वसूल करते हैं। जबकि बॉर्डर से बाजार व स्टेशन की दूरी महज डेढ़ किलोमीटर है। मनमानी किराया वसूल करने से यहाँ यात्रियों से चालक की नोकझोंक के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं। वहीं ई-रिक्शा चालकों पर समुचित कार्रवाई नहीं होने से इनकी मनमानी पर लगाम नहीं लग रही। नेपाल के यात्री भी अब बाजार आने से परहेज करने लगे हैं, जिससे नेपाल के लोगों पर निर्भर गलगलिया बाजार के दुकानदारों में भी परेशानी देखी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि ई-रिक्शा के मनमानी से नेपाल के ग्राहकों में काफी कमी आ गई है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि ई-रिक्शा चालक यात्री देखकर पैसा ऐंठ रहे हैं। किराए का निर्धारण न होने से इस तरह के ई-रिक्शा चालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है। ई-रिक्शा चालकों के मनमाने किराया वसूली को लेकर स्थानीय लोगों ने पंचायत प्रतिनिधि से किराया तालिका निर्धारण करने की मांग की है।
वहीं इस संबंध में भातगाँव पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बृजमोहन सिंह ने बताया कि किराए की मनमानी को लेकर जानकारी मिली है। पंचायत द्वारा जनहित को देख किराया तालिका निर्धारण को लेकर पहल की जाएगी।
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