राजधानी पटना में जातीय गणना को लेकर एक अलग ही मामला सामने आया है। जगदेव पथ स्थित अपार्टमेंट में रहने वाले डॉक्टर निलेश कुमार ने पहले तो इस बात की शिकायत की, कि उनके परिवार की गणना नहीं हुई है। जिस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी महोदय ने नगर निगम के पाटलिपुत्र अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी को डॉक्टर के परिवार की गणना करने को कहा था। बीते 3 दिनों से डॉक्टर के परिवार की गणना करने का प्रयास किया गया लेकिन वे घर पर मिले नही।
कर्मचारियों को 3 दिनों तक लगवाए घर के चक्कर
डॉक्टर निलेश हर रोज़ रात 8 बजे के बाद घर लौट रहे थे। रविवार को टीम रात 8 बजे उनके घर पहुंची तो उन्होंने गणना करने से इंकार कर दिया। गणना कर्मचारियों ने इसकी जानकारी कार्यपालक पदाधिकारी को दी। कार्यपालक पदाधिकारी ने इस संबंध में देर शाम जिला अधिकारी को लिखित रिपोर्ट भेजी, उसके बाद डीएम ने डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया है।
जातीय गणना में सहयोग नहीं करने का लगाया है आरोप
डॉक्टर पर आरोप है कि वह जाति आधारित गणना कार्य को लेकर भ्रम और अफवाह फैला रहे थे और कर्मचारियों को पिछले 3 दिनों से परेशान कर रहे थे। इसी वजह से उन पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। पटना जिले में 13 लाख 69 हजार परिवार है, जिसमें 12 लाख से अधिक परिवारों की डाटा एंट्री का काम पूरा हो चुका है।
हालांकि कई लोगों का कहना है कि जातीय गणना में उनके परिवारों की गिनती नहीं की है। किसी की पहले चरण में गिनती हुई तो दूसरे चरण में छोड़ दिया गया है। हालांकि छूटे हुए लोगों की गिनती के लिए सरकार ने विशेष कैंप लगाने की बात कही है और शिकायत मिलने पर गणना कराने की बात भी है। फिलहाल बिहार में जातीय गणना का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब सिर्फ ऑनलाइन डेटा एंट्री का काम बाकी है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
राजधानी पटना में जातीय गणना को लेकर एक अलग ही मामला सामने आया है। जगदेव पथ स्थित अपार्टमेंट में रहने वाले डॉक्टर निलेश कुमार ने पहले तो इस बात की शिकायत की, कि उनके परिवार की गणना नहीं हुई है। जिस पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी महोदय ने नगर निगम के पाटलिपुत्र अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी को डॉक्टर के परिवार की गणना करने को कहा था। बीते 3 दिनों से डॉक्टर के परिवार की गणना करने का प्रयास किया गया लेकिन वे घर पर मिले नही।
कर्मचारियों को 3 दिनों तक लगवाए घर के चक्कर
डॉक्टर निलेश हर रोज़ रात 8 बजे के बाद घर लौट रहे थे। रविवार को टीम रात 8 बजे उनके घर पहुंची तो उन्होंने गणना करने से इंकार कर दिया। गणना कर्मचारियों ने इसकी जानकारी कार्यपालक पदाधिकारी को दी। कार्यपालक पदाधिकारी ने इस संबंध में देर शाम जिला अधिकारी को लिखित रिपोर्ट भेजी, उसके बाद डीएम ने डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया है।
जातीय गणना में सहयोग नहीं करने का लगाया है आरोप
डॉक्टर पर आरोप है कि वह जाति आधारित गणना कार्य को लेकर भ्रम और अफवाह फैला रहे थे और कर्मचारियों को पिछले 3 दिनों से परेशान कर रहे थे। इसी वजह से उन पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। पटना जिले में 13 लाख 69 हजार परिवार है, जिसमें 12 लाख से अधिक परिवारों की डाटा एंट्री का काम पूरा हो चुका है।
हालांकि कई लोगों का कहना है कि जातीय गणना में उनके परिवारों की गिनती नहीं की है। किसी की पहले चरण में गिनती हुई तो दूसरे चरण में छोड़ दिया गया है। हालांकि छूटे हुए लोगों की गिनती के लिए सरकार ने विशेष कैंप लगाने की बात कही है और शिकायत मिलने पर गणना कराने की बात भी है। फिलहाल बिहार में जातीय गणना का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब सिर्फ ऑनलाइन डेटा एंट्री का काम बाकी है।
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