सिलीगुड़ी : भारत -नेपाल सीमा पर तैनात 8वीं वाहिनीं की सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी )द्वारा गुरुवार को वाहिनीं के परिसर में चार दिवसीय मधुमक्खी पालन कार्यशाला का शुभारम्भ उप कमांडेंट योगेश कुमार सैनी के निर्देशन में किया गया। इस कार्यशाला में 8वीं वाहिनीं के 35 जवानों को मधुमक्खी पालन करने के तरीके सिखाएं जायेंगेI प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये जवान सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित एसएसबी के विभिन्न सीमा चौकियों में मधुमक्खी का पालन करेंगें साथ ही साथ सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को मधुमक्खी पालन करने के तरीके भी सिखायेंगे।सीमावर्ती क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने में मधुमक्खी पालन एक कारगर कदम हैI मधुमक्खी पालन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसानों को नए और सस्ता साधनों की प्रदान करके उन्हें समृद्धि की ओर पंहुचा सकता है। इसके अलावा यह स्वास्थ के लिए फायदेमंद है क्योकि मधुमक्खी का शहद एक स्वास्थ और प्राकृतिक उपचार के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
सिलीगुड़ी : भारत -नेपाल सीमा पर तैनात 8वीं वाहिनीं की सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी )द्वारा गुरुवार को वाहिनीं के परिसर में चार दिवसीय मधुमक्खी पालन कार्यशाला का शुभारम्भ उप कमांडेंट योगेश कुमार सैनी के निर्देशन में किया गया। इस कार्यशाला में 8वीं वाहिनीं के 35 जवानों को मधुमक्खी पालन करने के तरीके सिखाएं जायेंगेI प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये जवान सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित एसएसबी के विभिन्न सीमा चौकियों में मधुमक्खी का पालन करेंगें साथ ही साथ सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को मधुमक्खी पालन करने के तरीके भी सिखायेंगे।सीमावर्ती क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने में मधुमक्खी पालन एक कारगर कदम हैI मधुमक्खी पालन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसानों को नए और सस्ता साधनों की प्रदान करके उन्हें समृद्धि की ओर पंहुचा सकता है। इसके अलावा यह स्वास्थ के लिए फायदेमंद है क्योकि मधुमक्खी का शहद एक स्वास्थ और प्राकृतिक उपचार के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
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