सारस न्यूज, वेब डेस्क।
| तत्व | विवरण |
|---|---|
| दिवस / वार | शनिवार |
| विक्रम संवत | 2082 |
| शक संवत | 1947 |
| मास / पक्ष | पौष मास, कृष्ण पक्ष |
| तिथि (Tithi) | द्वितीया — रात 9:25 बजे तक। उसके बाद तृतीया तिथि शुरू। |
| नक्षत्र (Nakshatra) | मृगशिरा (मृगशिर) — सुबह तक; फिर आर्द्रा नक्षत्र शुरू। |
| चंद्र राशि (Moon Sign / Chandra Rashi) | मिथुन (Gemini) |
| सूर्य राशि (Sun Sign / Surya Rashi) | वृश्चिक (Scorpio) |
| ऋतु / आयन | हेमंत ऋतु, दक्षिणायन |
⏳ शुभ / अशुभ समय व मुहूर्त
- राहुकाल: लगभग 09:00 AM – 10:30 AM (अशुभ)
- गुलिक काल: सुबह (लगभग)
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर के बीच का समय — शुभ माना जाता है।
- योग / करण: शुभ योग है। करण — तैतिल (दिन में), उसके बाद गरजा आदि।
- विशेष योग / मुहूर्त: शुभ योग / द्विपुष्कर योग का योग संभव है (कुछ स्रोतों के अनुसार) — इससे आज के दिन शुभ कार्य के लिए अनुकूलता बताई गई है।
✅ दिन के लिए सुझाव (क्या शुभ, क्या टालें)
- सुबह 9:00–10:30 बजे के बीच — राहुकाल है, इस अवधि में नए या शुभ कार्य (जैसे विवाह, नया व्यापार, नया निवेश आदि) बचना बेहतर है।
- अभिजीत मुहूर्त (दोपहर) — शुभ कार्य, पूजा-पाठ, अन्नदान आदि के लिए अनुकूल।
- यदि आज आप पूजा-अर्चना, धार्मिक कार्य, दान-पुण्य करना चाहते हों — यह दिन अनुकूल माना जाता है।
- दिन भर सामान्य कार्य, पारिवारिक काम, व्यापार-काम आदि करना ठीक है।
