
सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी।
दार्जिलिंग जिला क्षेत्र में भू-माफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कार्रवाई करने के निर्देश के बाद से अब तक सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी में शतक जडऩे वाली है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जहां आम लोगों व माफिया राज के पीडि़तों में एक नई आस जगी है, वहीं माफिया राज से लेकर राजनीतिक पार्टियां अपने विरोधियों को सलटाने में जुटी है। एशियन हाइवे से लगी नदी की जमीन बेचकर करोड़ो रुपए की उगाही करने वाले एक स्थानीय तृणमूल नेता के खिलाफ दार्जिलिंग जिला तृणमूल के चेयरमैन आलोक चक्रवर्ती ने जिला अधिकारी से शिकायत की है। इस घटना के बाद अब एक्शन का रियेक्शन देखना शेष रह गया है।
सरकारी या नदी की जमीन पर कब्जा कर भू-माफिया उसे पट्टा या खतियान के रूप में रिकार्डेड कर उगाही का खेल धड़ल्ले से होने का मामला प्रकाश में आने के बाद से सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने जमीन के अवैध कारोबार करने वाले 90 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन विरोधी राजनीतिक दलों का आरोप है कि सिर्फ टेंगरा और पोठीया मछलियों को ही हवालात में बंद किया गया है। यानी छोटे जमीन दलालों या भू-माफिया को पकड़ा गया है। जबकि रेहू-बोआल जैसी बड़ी मछलियां अभी भी बेखौफ हैं। विरोधी राजनीतिक दलों का आरोप है कि जमीन का अवैध कारोबार करने वाले गिरोह के अधिकांश सरगना तृणमूल के ही नेतागण हैं। अब इस टैग को धोने के इरादे से या फिर गुटबाजी में विरोधी को सलटाने के उद्देश्य से आलोक चक्रवर्ती ने एशियन हाइवे से सटी नदी की करीब एक बीघा जमीन कब्जा कर बेचने का आरोप बागडोगरा के गोसाईपुर इलाके के स्थानीय तृणमूल नेता पर लगाया है और दार्जिलिंग के जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय और उसके बगल में निर्माणाधीन एक उपनगरी के बीच से होकर लस्क नदी बहती है। आरोप के मुताबिक एशियन हाइवे से सटी इसी नदी के करीब एक बीघा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाकर करोड़ों रुपये में बेचा गया है। उक्त जमीन पर दुकान और गोदाम बनाने की प्रक्रिया जारी है।
इस संबंध में जिला तृणमूल के चेयरमैन आलोक चक्रवर्ती ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पार्टी का रंग देखे बगैर भू-माफिया राज को जड़ से मिटाने का निर्देश दिया है। इसलिए कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उक्त सरकारी जमीन हड़प कर करोड़ो की उगाही करने वाला हमारी पार्टी का है या नहीं। हमने जिला अधिकारी से मामले की शिकायत की है। जिला भूमि व भूमि सुधार विभाग ने मामले की जांच कर जो रिपोर्ट मुझे दी है, उसके अनुसार उक्त जमीन सरकारी है। यह जमीन नदी के नाम से ही रिकार्ड में दर्ज है। यदि इस जमीन पर कोई कब्जा कर बेच रहा है तो प्रशासन को अपना काम करना होगा।