
विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।
खोरीबाड़ी : भारत- नेपाल सीमा के बहने वाली मेची नदी से भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी की 41 वीं वाहिनी रानीडांगा अंतर्गत भातगांव कैंप के नीचे दिन के उजाले में बालू का अवैध खनन हो रहा है। बावजूद एसएसबी के अधिकारी मौनव्रत रखा है। यह सिलसिला पिछले कई दिनों से जारी है। यहां सुबह 8-9 बजते ही नदी से बालू निकालने का खेल शुरू हो जाता है। इसके बाद दिनभर बालू का खनन होता रहता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि एसएसबी के नाक के नीचे से बालू खनन हो रहा है। फिर भी एसएसबी मौन धारण करके है।
पहले करीब एक महीने से भैंसगाड़ी से बालू भरकर ले जाया रहा था। लेकिन अभी कई दिनों से ट्रैक्टर ट्रॉली से बालू खनन हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया एक ट्रैक्टर कैंप के अंदर बालू देता है, तो बाकी दिन भर बालू माफिया ट्रैक्टर ट्रॉली से बालू खनन करते रहते हैं। बताते चलें कि पहाड़ी इलाकों में लगातार कई दिनों से हो रहे बारिश से कई नदियों समेत भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है और कटाव लगातार जारी है। अगर इस तरह से बालू का खनन होता रहा तो एसएसबी को खतरा है। क्योंकि बरसात शुरू हो गई है और मेची नदी का रौद्र रूप हर वर्ष देखने को मिलता है। अगर इस खनन पर रोक नहीं लगी तो मेची नदी का रौद्र रूप से एसएसबी को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जब इस संबंध में एसएसबी की भातगांव कंपनी के इंस्पेक्टर नीलमणि ने पूछा गया तो उन्होंने अस्वीकार करते हुए कहा बालू खनन नहीं हो रहा है। हमारे कैंप में बालू की जरूरत थी तो वो हम लोगों ने खुद ही बोरी में भरकर लाये थे।